Saturday, April 12, 2014

रागिनी एमएमएस-2

फिल्म समीक्षा

रागिनी एमएमएस-2

इस डर को देख रोना आया

धीरेन्द्र अस्थाना

जब मई 2011 में एकता कपूर की रागिनी एमएमएस आई थी तो हमने लिखा था कि डर के दूसरे कारोबारियों रामगोपाल वर्मा और विक्रम भट्ट से एकता कपूर आगे निकल गयी हैं। सचमुच रागिनी एमएमएस उत्तर आधुनिक समय में खड़ी एक डरावने एहसास वाली बेहतरीन फिल्म थी जिसमें सेक्स और डर की जुगलबंदी को कुशल हाथों से साधा गया था। उस फिल्म के निर्देशक थे पवन कृपलानी जो डराने में भी कामयाब हुए थे और डर का कारोबार भी सफलता पूर्वक कर सके थे। लेकिन उस फिल्म का यह सीक्वेल एक दुर्घटना जैसा है। फिल्म को बेहद ही अकुशल और अपरिपक्व ढंग से बनाया गया है। पता नहीं एकता कपूर ने ऐसा होने कैसे दिया। वह तो बड़ी चौकन्नी और परफेक्शनिस्ट निर्माता हैं। सोच और तकनीक अब बहुत आगे चली गयी है। अब अचानक बजे तेज संगीत और अपने आप बंद होते खुलते दरवाजों से डर नहीं हास्य पैदा होता है। डर पैदा करने वाली जो घटनाएं फिल्म में घटती हैं उन्हंे देख रोने का मन करता है। उस पर दूसरी टेªजेडी यह कि फिल्म को बेवजह कहीं कहीं कॉमेडी टच देने का प्रयास किया गया है। अपने आप में यह परिकल्पना ही बचकानी है कि सीक्वेल में मूल फिल्म की घटना पर फिल्म बनायी जा रही है। ठीक उसी लोकेशन पर जहां रागिनी एमएमएस फिल्म घटी थी। नयी फिल्म का एक मात्र आकर्षण पूर्व पोर्न स्टार सनी लियोन बन सकती थीं लेकिन उन्हें बुरी तरह नष्ट कर दिया गया है। यहां भी उनकी पोर्न स्टार वाली छवि को ही बार बार रेखांकित किया जाता है।  सनी के भीतर एक सच्चा कलाकार मौजूद है जिसे कोई संजीदा निर्देशक ही तराश सकता है। शूटिंग के दौरान रागिनी के भीतर चुडै़ल सनी के जिस्म में प्रवेश कर जाती है और अब सनी एक चुड़ैल है जिसका मकसद सबको मार डालना है।  साहिल प्रेम फिल्म को हीरो है जो फिल्म के भीतर बनने वाली फिल्म को लेखक भी है। साहिल ने अपने रोल को संजीदा और प्रभावी ढंग से अंजाम दिया है। वही इस तथ्य की खोज करता है कि रागिनी की काया में बैठी चुड़ैल अब सनी के शरीर में उतर चुकी है। फिल्म की यूनिट के लोगों को चुड़ैल से बचाने के लिए वह लगातार सनी का पीछा करता है। और सनी एक एक कर फिल्म के डायरेक्टर प्रवीण डबास, एक्टर करण मेहरा और अभिनेत्री संध्या मृदुल को मार डालती है। इस बीच मशहूर मनोविज्ञानी डॉक्टर दिव्या दत्ता भी शूटिंग लोकेशन पर पहुंच गयी है। वह डॉक्टर है लेकिन उसके पास किसी बाबा का दिया हुआ एक मंत्र है जिसके पाठ से शरीर में बसी बुरी आत्मा को बाहर निकाला जा सकता है। वह मंत्र पढ़ती है और उत्पात मचाती चुड़ैल सनी का जिस्म छोड़ गायब हो जाती है। शायद एकता कपूर बैनर की यह पहली फ्लॉप फिल्म बनेगी जिसने न तो डराया और न ही कारोबार किया।

निर्देशकः भूषण पटेल
कलाकारः सनी लियोन, साहिल प्रेम, दिव्या दत्ता, प्रवीण डबास, करण मेहरा, संध्या मृदुल
संगीतः यो यो हनी सिह, चिरंतन भट्ट, मीत ब्रदर्स

’बेकार ’’ साधारण ’’’ अच्छी ’’’’ बहुत अच्छी ’’’’’ अद्वितीय

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