Saturday, December 26, 2009

थ्री ईडियट्स

फिल्म समीक्षा

मर्जी के मानचित्र पर थ्री ईडियट्स

धीरेन्द्र अस्थाना

सिनेमा को सपना, सृजन और संभावना बनाने के साथ-साथ व्यावसायिक सफलता के शिखर पर भी खड़ा कर देने की विस्मयकारी कला का नाम है आमिर खान। हंसते गाते हुए एक मर्मस्पर्शी संदेश छोड़ जाना, मनोरंजन को किसी मकसद से जोड़ देना और व्यापार को सार्थकता से नत्थी कर देना यह सिनेमा की एक नयी पटकथा है जो फिल्मकारों को आमिर खान से सीखनी चाहिए। ’थ्री ईडियट्स’ के निर्देशक आमिर खान नहीं हैं लेकिन पूरी फिल्म में आमिर खान की ’वैचारिक इच्छाएं’ फिल्म को उपर उठाती चलती हैं। ’तारे जमीन पर’ के बाद ’थ्री ईडियट्स’ में एक बार फिर आमिर की प्रतिभा का विस्फोट हुआ है। इस फिल्म को ’तारे जमीन पर’ का वयस्क संस्करण भी कह सकते हैं। अपनी मर्जी के आसमान पर बचपन को आकार लेने का जो विमर्श ’तारे जमीन पर’ में स्कूल के स्तर पर रचा गया था ठीक वही विमर्श ’थ्री ईडियट्स’ में कॉलेज के स्तर पर रेखांकित किया गया है। अगर कोई नौजवान लेखक बनना चाहता है तो यह परिवार और समाज उसे इंजीनियर बनाने पर क्यों तुला है? अगर कोई युवक फोटोग्राफर बनना चाहता है तो उसे डॉक्टरी पढ़ने पर क्यों मजबूर किया जाता है। क्या लता मंगेशकर क्रिकेटर और सचिन तेंदुलकर गायक बन सकते थे? कॉमेडी की शक्ल और अंदाज में ’थ्री ईडियट्स’ इसी विमर्श को आगे बढ़ाती है। यह अपनी मर्जी के आसमान पर अपने जीवन को ढालने की वकालात करती है। निर्देशक राजकुमार हिरानी ने मुन्ना भाई एम.बी.बी.एस के बाद पर्दे पर फिर एक कविता रच दी है। फिल्म बनाने का उनका खिलंदड़ा अंदाज उन्हें धारा से अलग करता है। फिल्म के प्रमुख कलाकार हिरानी के अंदाज को अपने अभिनय से उंचाई देते हैं।
करीना कपूर ने ’जब वी मेट’ के बाद फिर एक बार अपनी मौलिक जिंदादिली के दर्शन कराए हैं। करीना का बेलौस अभिनय उन्हें स्टार के अलावा कलाकार का दर्जा भी सौंपता है। आमिर खान निर्विवाद रुप से उत्कृष्ट कलाकार हैं। शरमन जोशी, आर. माधवन और बोमन ईरानी ने भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। इस फिल्म को इसके गीत-संगीत और संवाद के लिए भी याद किया जाएगा। यह फिल्म चेतन भगत के उपन्यास पर आधारित रही होगी लेकिन पर्दे तक आते आते यह पूरी तरह राजकुमार हिरानीमय हो गयी है। वर्ष 2009 की इस एक अत्यंत महत्वपूर्ण और सफल फिल्म को देखना अपनी पहली सूची में दर्ज करें। एक नये सिनेमाई अनुभव से वंचित होने की भूल हर्गिज न करें।

निर्माता : विधु विनोद चोपड़ा
निर्देशक : राजकुमार हिरानी
कलाकार : आमिर खान, करीना कपूर, आर. माधवन, शरमन जोशी, बोमन ईरानी, जावेद जाफरी, ओमी
संगीत : शांतनु मित्रा
गीत : स्वानंद किरकिरे

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