Tuesday, November 18, 2014

रंगरसिया


फिल्म समीक्षा

रंगरसिया मन बसिया 

धीरेन्द्र अस्थाना

आखिर भारत के महान चित्रकार राजा रवि वर्मा के जीवन संघर्ष और कलात्मक प्रक्रिया पर आघारित केतन मेहता की फिल्म रंगरसिया छह साल के बाद सिनेमाघरों में रिलीज हो ही गयी। राजा रवि वर्मा के काल में देवी देवताओं की सिर्फ कल्पना की जाती थी । रवि वर्मा ने उन्हें चेहरे  दिए । एक जर्मन दोस्त की मदद से उन्होंने अपना खुद का प्रिंटिंग प्रेस खोला और प्रसिद्ध देवी देवताओं की पेंटिग्स के प्रिंट निकाल कर सस्ती दरों पर आम आदमी तक उपलब्ध करवाये। उन्होंने ईश्वर को कॉमन मेन के घरों तक पहुंचा दिया। रवि वर्मा दुनिया भर में प्रसिद्ध हो गये। उनकी यह शोहरत तत्कालीन धर्मगुरूओं को पसंद नहीं आयी। अपने जीते जी किंवदंति बन जाने वाले इस आम आदमी के पेंटर को न सिर्फ धर्म के ठेकेदारों का विरोध सहना पड़ा बल्कि उन पर अश्लीलता के आरोप का मुकदमा भी चला। उनके घर, स्टूडियो और प्रिंटिंग प्रेस को जलाने के प्रयत्न हुए। संभवतः वह पहले ऐसे भारतीय कलाकार थे जिन्हें कला और अभिव्यक्ति की आजादी के लिए इतना खतरनाक विरोध झेलना पड़ा। कुछ इलीट पेंटरों द्वारा राजा रवि वर्मा को केलेंडर आर्टिस्ट कह कर अपमानित किया गया। लेकिन इस सब से उनकी कलात्मक क्षमता और अमरता पर कोई असर नहीं पड़ा । आज भी राजा रवि वर्मा को एक महान पेंटर के तौर पर ही याद किया जाता है। इन्हीं रवि वर्मा के जीवन पर फिल्म बना कर केतन मेहता ने एक बड़ा काम  किया है।़ उन्होंने एक छोटे से दायरे में सिमटे पेंटर को ठीक उसी तरह आम आदमी तक पहुंचा दिया जैसे स्वर्ग की अप्सराओं उर्वशी मेनका और देवी देवताओं को एक चेहरा दे कर रवि वर्मा ने आम लोगों तक पहुंचा दिया था। यह दिल और साहस के साथ बनायी गयी फिल्म है। फिल्म में राजा रवि वर्मा के किरदार में रणदीप हुडा और उनकी मॉडल मिस्ट्र्रेस सुगंधा के रोल में नंदना सेन हैं। आठ नौ साल पहले जब फिल्म बननी शुरू हुयी तब यह दोनों ही कलाकार लगभग नये थे। लेकिन दोनों ने अपने रोल में जान डाल दी है। आज के समय में ब्रिटिश कालीन मुंबई को देखना एक नया अनुभव बनता है। सब जानते हैं कि राजा रवि वर्मा एक रंगीले व्यक्ति थे लेकिन अपनी आशिकाना तबियत का इस्तेमाल उन्होंने अपनी कला की प्रेरणा के लिए किया। नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन की बेटी नंदना सेन ने लगभग निर्वस्त्र पोज दे कर खतरनाक साहस का परिचय दिया है। लेकिन उससे फिल्म की विश्वसनीयता दो पायदान उपर चढ़ गयी है। युवा संगीतकार संदेश शांडिल्य ने फिल्म में यादगार और मनभावन संगीत रचा है। दर्शन जरीवाला, परेश रावल, आशीष विद्धार्थी और सचिन खेडेकर के संक्षिप्त रोल भी चेतना में ठहर से जाते हैं। निर्माता जयंति लाल गाडा का शुक्रगुजार होना चाहिए जिनके कारण एक बेहतरीन फिल्म पर्दे का मुंह देख पायी है। अगर आप राजा रवि वर्मा के नाम और काम को नहीं जानते हैं तो भी यह फिल्म जरूर देख लें।               
निर्देशक : केतन मेहता
कलाकारः रणदीप हुडा, नंदना सेन, परेश रावल, दर्शन जरीवाला, आशीष विद्धार्थी, सचिन खेडेकर।
संगीत : संदेश शांडिल्य




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