Saturday, February 20, 2010

तो बात पक्की

फिल्म समीक्षा

कच्ची रह गयी ‘तो बात पक्की‘

धीरेन्द्र अस्थाना

दुनिया जानती है कि तब्बू एक सशक्त और संवेदनशील अभिनेत्री हैं। उनके नाम के साथ अपने अपने समय की कुछ श्रेष्ठ, मर्मस्पर्शी और महत्वपूर्ण फिल्में जुड़ी हैं। वह दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता भी रह चुकी हैं। तो फिर उन्होंने ‘तो बात पक्की‘ जैसी अत्यंत साधारण फिल्म में काम करना क्यों पसंद किया, यह तो वही बता सकती हैं। उन्होंने बताया भी है कि वह काॅमेडी फिल्म करना चाहती थीं इसलिए इस फिल्म को किया। तब्बू का तर्क अपनी जगह है लेकिन हकीकत यही है कि इस बार तब्बू फिल्म को चुनते वक्त चूक गयीं। जो फिल्म कई जगह से कच्ची है उसमें काम करके तब्बू को कुछ भी उपलब्ध नहीं हुआ है। हुआ यह कि जो थोड़े बहुत लोग तब्बू के कारण सिनेमा हाॅल पहुंचे उन्हें तब्बू के हल्के-फुल्के, मजाकिया किरदार ने निराश ही किया। यह तो सब जानते हैं कि कमर्शियल सिनेमा बहुत ज्यादा तर्कपूर्ण नहीं होता लेकिन कोई फिल्म इतनी भी अतार्किक नहीं होती कि कहानी के नाम पर कुछ भी पेश कर दिया जाए। हजार बारह सौ किराये के लिए तड़पने वाली तब्बू महल जैसे आलीशान घर में रहती है। किसी भी तरह छोटी बहन की सही जगह शादी फिट करने के जुगाड़ में लगी बड़ी बहन के किरदार को तब्बू ने भरसक बेहतर ढंग से निभाया है लेकिन खुद किरदार में ही दम न हो तो कलाकार भी क्या और कितना कर लेगा? यही कारण है कि अनुभवी और परिपक्व तब्बू को शुरू से अंत तक शरमन जोशी जैसा नया कलाकार टक्कर देता नजर आता है। अगर कहा जाए कि जगह जगह गिरती फिल्म को शरमन जोशी ही बार बार उठाता नजर आता है तो गलत न होगा। तब्बू और शरमन के बीच में वत्सल सेठ अपना ‘स्पेस‘ ही नहीं बना पाया है। इंटरवल तक फिल्म ठीक-ठाक चलती है लेकिन उसके बाद जो पटरी से उतरी तो फिर उतरी ही रही। ठेल-ठाल कर किसी तरह फिल्म को निपटा दिया गया। काॅमेडी फिल्म बनाना हंसी खेल नहीं है। काॅमेडी में भी कहानी तथा पात्रों को एक तार्किक परिणति तक पहुंचाना होता है। सबसे बड़ी बात, काॅमेडी में घटनाओं, पात्रों, स्थितियों को वास्तविक और विश्वसनीय लगना चाहिए। ‘तो बात पक्की‘ इनमें से कोई अपेक्षा पूरी नहीं करती। इसीलिए तब्बू और शरमन के बावजूद यह एक साधारण फिल्म बन कर रह गयी है।

निर्देशक: केदार शिंदे
कलाकार: तब्बू, शरमन जोशी, वत्सल सेठ, उविका चैधरी, हिमानी शिवपुरी
संगीत: प्रीतम चक्रवर्ती

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