Saturday, January 23, 2010

वीर

फिल्म समीक्षा

साम्राज्य के विरुद्ध वीर

धीरेन्द्र अस्थाना

पहले दो-तीन बातें संक्षेप में। ‘वीर‘ एक पीरियड फिल्म है जिसकी कहानी फिल्म के हीरो सलमान खान ने लिखी है। प्रचारित किया गया है कि इस कहानी के साथ सलमान खान पिछले बीस साल से रह रहे थे। यह सलमान खान का एक बेहद विशेष और महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है जिसमें खुद को एक पिंडारी योद्धा का ‘लुक‘ देने के लिए सलमान ने अनथक मेहनत की। ‘वीर‘ बड़े बजट की भव्य फिल्म है जिसके युद्ध दृश्य ‘मुगले आजम‘ और ‘जोधा अकबर‘ की याद दिलाते हैं।
अब बात पूरी फिल्म की। ऐसा लगता है कि सलमान खान की कहानी के ‘थॉट‘ को शक्तिमान तलवार की पटकथा संभाल और सहेज नहीं पायी है। इसीलिए कभी यह युद्ध के बैकड्रॉप पर प्रेम कथा लगती है, कभी ब्रिटिश सल्तनत के विरुद्ध राजे-रजवाड़ों की एकता की गाथा तो कभी पिंडारी योद्धाओं के प्रतिनिधि नायक वीर के माध्यम से देशभक्ति की कहानी नजर आती है। पटकथा में दो चूक और हुई हैं। सलमान का लंदन प्रवास मूल कथा से भटकाव को दर्शाता है। सलमान की मृत्यु का दृश्य अव्यवहारिक और आम दर्शक की मूल चाहत ‘हीरो की विजय‘ के विरुद्ध है। बिना मृत्यु दिखाए भी देश की एकता प्रकट की जा सकती थी।
पूरी फिल्म सलमान खान की है और वह शुरू से अंत तक फिल्म में छाये हुए हैं। उनका पिंडारी योद्धा तथा ब्रिटिश लुक दोनों अच्छे लगते हैं। पिंडारी कबीले के जन नायक ‘दद्दे‘ के रूप में मिथुन चक्रवर्ती ने कमाल का अभिनय किया है लेकिन सलमान खान की नयी खोज जरीन खान ने एक बहुत बड़े मौके को गंवा दिया। सलमान खान जैसे सुपर स्टार के अपोजिट इतने विशाल बजट की फिल्म में इतना लंबा रोल मिलना लॉटरी लग जाने जैसा था। लेकिन न तो अपने ‘लुक‘ और बॉडी लैंग्वेज से जरीन ने प्रभावित किया और न ही अपनी अभिनय प्रतिभा से। प्रचारित हुआ था कि वह कैटरीना कैफ जैसी हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। कभी कभी एक धूमिल सी झलक में वह कैटरीना जैसी नजर आती हैं लेकिन सौंदर्य और अभिनय दोनों में वह कैटरीना से कोसों दूर हैं। एक जमाने के बाद अभिनय सम्राट राजकुमार के बेटे पुरू को पर्दे पर काम करते देख सुखद लगा। नीना गुप्ता भी जंचती हैं।
बेहतरीन ढंग से संगीतबद्ध किये हुए ताजगी भरे गीत फिल्म की विशेष उपलब्धि हैं जिसके लिए दर्शकों को गुलजार साहब का आभारी होना चाहिए। ‘वीर‘ अपनी भारी लागत वसूल पायेगी या नहीं, यह वक्त और दर्शक तय करेंगे लेकिन सलमान की फिल्मोग्राफी में एक और उल्लेखनीय फिल्म की संख्या बढ़ गयी है। देख लें।
निर्माता: वियज गलानी
निर्देशक: अनिल शर्मा
कलाकार: सलमान खान, सोहेल खान, मिथुन चक्रवर्ती, नीना गुप्ता, जरीन खान, पुरू राजकुमार
गीत: गुलजार
संगीत: साजिद-वाजिद

1 comment:

  1. dhirendra ji aap ki samiksha ko padh kar ab lagta hai ki film dekhni hi padegi. waise film ke barin me jis tarah ki pratikriya mijhe aur logo se mili thi uske baad maine film na dekhne ka hi faisla kiya tha.

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