Saturday, July 18, 2009

जश्न

फिल्म समीक्षा

प्रतिभा की जीत का ‘जश्न‘

धीरेन्द्र अस्थाना

महेश भट्ट कैंप की फिल्म ‘जश्न‘ इस बात का नायाब उदाहरण है कि अगर आपके पास एक साफ-सुथरी, भावनात्मक कहानी है और आपको कहानी कहने का अंदाज आता है तो एक बेहतरीन फिल्म आकार ले सकती है। अच्छी फिल्म के लिए भारी-भरकम बजट, विदेशी लोकेशंस और बड़ी-बड़ी स्टार कास्ट की कोई अनिवार्यता नहीं है। बहुत लंबे समय के बाद कोई फिल्म आयी है जिसने कम से कम तीन स्थलों पर मर्म को छूने का काम किया। जब भी भट्ट कैंप की कोई फिल्म आती है तब यह उम्मीद तो जगती ही है कि कोई अच्छी कहानी देखने को मिलेगा लेकिन इस बार तो बेहद मर्मस्पर्शी और संवेदनशील कहानी से गुजरने का मौका मिला। विषय नया नहीं है। एक गायक के संघर्ष पर दर्जनों फिल्में बनी हैं। लेकिन इस विषय को बुनने, उसे साधने, उसे फिल्माने और उसे बहुआयामी बनाने का कौशल अनूठा है। पता नहीं क्यों ज्यादा दर्शक फिल्म देखने नहीं पहुंचे। हो सकता है कि फिल्म की समीक्षाओं को पढ़ने या मित्रों के जरिए पता चलने पर अगले कुछ दिनों में ज्यादा दर्शक फिल्म देखने पहुंचें और ‘जश्न‘ बॉक्स ऑफिस पर भी ‘जश्न‘ मना सके। फिल्म की ‘रिपीट वेल्यू‘ भी है।
फिल्म का छोटा सा, सार्थक संदेश है - प्रतिभा की जीत तय है। घमंड या ताकत या पैसे की हार निश्चित है। प्रतिभा को दबाया जा सकता है, उसे मंजिल तक पहुंचने में बाधाग्रस्त किया जा सकता है लेकिन प्रतिभा का विस्फोट एक अटूट सच्चाई है। इस संदेश को निर्देशक हसनैन हैदराबादवाला और राकेश मिस्त्री ने केवल चार प्रतिभाशाली युवा कलाकारों के माध्यम से पेश कर दिया है। असल में यह अध्ययन सुमन, अंजना सुखानी और शहाना गोस्वामी की अभिनय प्रतिभा के विस्फोट की भी फिल्म है। एक विलेन की ‘बॉडी लैंग्वेज‘ कैसी होती है उसे पाकिस्तानी कलाकार हुमांयू सईद से सीखा जा सकता है। वह हमारे पारंपरिक खलनायकों की तरह ‘शोर‘ नहीं मचाते। अभिनय से ‘नकारात्मकता का आलोक‘ रचते हैं।
फिल्म का गीत-संगीत पक्ष भी कर्णप्रिय और प्रभावशाली है। एक सिंगर के जीवन और ‘स्ट्रगल‘ पर बनने वाली फिल्म का गीत-संगीत अनिवार्यतः बेहतरीन होना चाहिए जो कि है। फिल्म के संवाद फिल्म को गति भी देते हैं और उपकथाओं की स्पष्ट व्याख्या भी करते हैं। गीतों के बोल भी हृदयस्पर्शी हैं। अगर आप अच्छी फिल्मे पसंद करते हैं तो पहली फुर्सत में ही ‘जश्न‘ में शामिल हो आयें।

निर्माता: मुकेश भट्ट
निर्देशक: राकेश मिस्त्री, हसनैन हैदराबादवाला
कलाकार: अध्ययन सुमन, अंजना सुखानी, शहाना गोस्वामी, हुमायूं सईद
संगीत: तोशी शाबरी, शारिब शाबरी

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