Tuesday, December 10, 2013

आर... राजकुमार

फिल्म समीक्षा

‘आर... राजकुमार‘ 
अतिरंजित और अवास्तविक राजकुमार

धीरेन्द्र अस्थाना

इस फिल्म को इसलिए देखा जा सकता है कि इसमें शाहिद कपूर, सोनाक्षी सिन्हा, सोनू सूद, मुकुल देव और आशीष विद्यार्थी ने कमाल का अभिनय किया है। सोनाक्षी फिल्म दर फिल्म एक-एक पायदान ऊपर चढ़ रही हैं। उनकी किस्मत अच्छी है कि हर फिल्म में उनके लिए एक ऐसा डायलॉग रख दिया जाता है जो दर्शकों को याद रह जाता है। ऐसा ही एक डायलॉग इस फिल्म में भी है। जिसका आनंद फिल्म देखते समय ही लेना बेहतर होगा। सोनू सूद का यह डायलॉग भी दर्शकों को पसंद आया है -‘मेरे मुंह मत लगना, मैं सेहत के लिए हानिकारक हूं।‘ अभिनय के बाद इस फिल्म को इसके सभी गानों के लिए देखा जा सकता है जो फिल्म की रिलीज से पहले ही सुपरहिट हो चुके हैं। फिल्म के संवाद भी प्रभावित करते हैं। जब फिल्म के तीन तीन पक्ष मजबूत हैं तो हम इस फिल्म को साधारण क्यों कह रहे हैं? इसलिए कि ‘आर... राजकुमार‘ की कहानी अवास्तविक और अतिरंजित है। माना कि सिनेमा ‘लार्जर दैन लाइफ‘ होता है लेकिन उसे इतना भी लार्ज नहीं होना चाहिए कि उसके हाथ से लाइफ ही छूट जाये। इस फिल्म में यही हुआ है। खास कर इंटरवल के बाद। फिल्म की कहानी को अनेक जगहों पर जबरन खींचा गया है। एक्शन से लबरेज फिल्म को जबरन कॉमेडी का चोला पहना कर उसकी सघनता और तीव्रता में बाधा डाली गयी है। बदले और पलटवार के वही पुराने फार्मूलों से फिल्म अटी पड़ी है जिन्हें हम वर्षों से देखते आ रहे हैं। नदी में डुबकी लगाने के एक दृश्य में जैसे ही सोनू सूद और सोनाक्षी सिन्हा का आमना-सामना होता है दर्शक तुरंत समझ जाते हैं कि सोनू सूद का फंटर शाहिद कपूर अब उसका दुश्मन बन जाएगा क्योंकि सोनाक्षी से तो शाहिद प्यार करता है। दुबला और औसत कद का शाहिद पचास पचास महाबली गुंडों को धराशायी करता हुआ एकदम कृत्रिम नजर आता है। फिल्म के अंत से पहले अफीम का सौदागर शाहिद के पेट में खतरनाक चाकू घुसेड़ कर उसे दो-तीन बार घुमा देता है। ठीक यही काम पीठ की तरफ से सोनू सूद भी करता है। इस लगभग मरे हुए शाहिद को सोनू के गुंडे जमीन में दफना देते हैं। लेकिन जब शादी का मंडप सजा हुआ होता है और सोनू खुश हो कर नाच रहा होता है तो शाहिद लौट आता है। पहले वह खूब मार खाता है फिर अफीम के सौदागर और सोनू सूद को जान से मार डालता है। प्रभु देवा जैसे प्रतिभाशाली निर्देशक से इस तरह की कल्पनाशीलता की उम्मीद नहीं थी। सोनाक्षी सिन्हा को देख कर शाहिद कपूर जिस तरह अस्त व्यस्त और ध्वस्त होता है वह स्टाइल फिल्म ‘रांझना‘ से उठाया गया है जिसमें लगभग इसी तरह धनुष सोनम कपूर पर फिदा होता है। फिल्म का आनंद लेना है तो दिमाग घर पर छोड़ जाएं। 
निर्देशक:  प्रभु देवा
कलाकार: शाहिद कपूर, सोनाक्षी सिन्हा, सोनू सूद, आशीष विद्यार्थी, मुकुल देव
संगीत: प्रीतम चक्रवर्ती

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