Monday, December 2, 2013

बुलेट राजा

फिल्म समीक्षा 

राजनीति, मोहब्बत और गैंगवार: ‘बुलेट राजा‘ 

धीरेन्द्र अस्थाना 

सिनेमा उसके निर्देशक के खास स्टाइल और मुहावरे के कारण पहचाना जाता रहा है। जैसे गुरुदत का सिनेमा, राज कपूर का सिनेमा, करण जौहर का सिनेमा, अनुराग कश्यप का सिनेमा, यश चोपड़ा का सिनेमा। इसी तरह नये लोगों में अब तिग्मांशु धूलिया का सिनेमा भी अपनी पहचान बना चुका है। राजनीति, मोहब्बत, रंजिश और गैंगवार के बैकड्रॉप पर वह एक्शन फिल्म बनाते हैं। ‘बुलेट राजा‘ उनकेे इसी स्टाइल की नवीनतम प्रतिनिधि है। फर्क सिर्फ इतना है कि उनका इलाका मुंबई, दिल्ली या पंजाब नहीं उत्तरप्रदेश होता है। ‘बुलेट राजा‘ भी उत्तरप्रदेश के लखनऊ में घटित होती है और राजनीति तथा गंुडागर्दी के गठजोड़ को रेखांकित करती है। यह फिल्म हिंसा और मारामारी का नया रिकॉर्ड भी कायम करती है। सैफ अली खान अपने खुद के बैनर की फिल्म ‘एजेंट विनोद‘ में जो करिश्मा नहीं कर सके थे वह उन्होंने तिग्मांशु की फिल्म में कर दिखाया है। एक्शन के मामले में वह अक्षय, सलमान, शाहरुख से आगे निकलते दिखाई पड़े हैं। उनके एक्शन में गजब की फुर्ती और रोमांच है। फिल्म में यूपी की भाषा और संस्कृति एक अलग ही नजारा पेश करती है। आधी फिल्म सैफ अली खान और जिमी शेरगिल की है और आधी केवल सैफ की। इसे ऐसे भी कह सकते हैं कि अगर इंटरवल से ठीक पहले जिमी शेरगिल का मर्डर नहीं करवाया जाता तो यह ‘शोले‘ के जय-वीरू की तरह दोनों की फिल्म बन जाती। जिमी ने अपने काम से फिल्म को रफ्तार और ऊंचाई दी है। यह फिल्म ंिहंसा का एक नया पाठ्यक्रम है। जो राम गोपाल वर्मा के स्कूल से थोड़ा अलग मिजाज और तेवर लिये हुए है। राज बब्बर ने एक कूल लेकिन शातिर पॉलीटीशियन की भूमिका को बखूबी अंजाम दिया है। सोनाक्षी सिन्हा अपने काम से लगातार नये पायदान चढ़ रही हैं। यहां उन्हें ज्यादा ‘स्पेस‘ नहीं मिला है तो भी वह प्रभावित करती हैं। नये एक्शन स्टार विद्युत जामवाल ने विशेष भूमिका के तहत थोड़ी देर के लिए ही सही लेकिन दमदार उपस्थिति दर्ज करायी है। फिल्म एक बार फिर इस भयावह सच्चाई का खुलासा करती है कि गैंगस्टर्स को राजनीति ही संरक्षण देती है। और राजनीति को संचालित करते हैं धन कुबेर। यहां यूपी की राजनीति, यूपी के धनपति और यूपी के ही गुंडे फिल्म का मुख्य कथानक है। माही गिल का आइटम डांस जोरदार है और सैफ-सोनाक्षी पर फिल्माया गया एक रोमांटिक गाना असरदार है। यहां रवि किशन को याद न करना अन्याय होगा। उन्होंने गैंगस्टर और कृष्ण भक्त राधा के दो किरदार निभा कर फिल्म को एक नया ही रंग दिया है। अनिवार्य रूप से देखने लायक फिल्म।

निर्देशक:  तिग्मांशु धूलिया
कलाकार:  सैफ अली खान, सोनाक्षी सिन्हा, जिमी शेरगिल, रवि किशन, राज बब्बर, माही गिल, गुलशन ग्रोवर, विद्युत जामवाल
संगीत: साजिद-वाजिद

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