Saturday, September 10, 2011

मेरे ब्रदर की दुल्हन

फिल्म समीक्षा

बड़ी मसालेदार ‘मेरे ब्रदर की दुल्हन’

धीरेन्द्र अस्थाना

यह जो कन्फ्यूज्ड सी, आज में जीने वाली, बहुत कमा कर उससे भी ज्यादा खर्च कर देने वाली भारत की युवा पीढ़ी है वह सिनेमा की ‘टार्गेट ऑडियंस’ है। इस पीढ़ी की जेब से पैसा निकालना है तो विषय भी ऐसे तलाशने होंगे जो इस पीढ़ी के मिजाज से मेल खाएं। यशराज बैनर की नयी फिल्म ‘मेरे ब्रदर की दुल्हन’ में ऐसा ही एक ‘फनी’ विषय उठाया गया है जो यंग जनरेशन को लुभा सके। अपनी इस कोशिश में फिल्म के निर्देशक अली अब्बास जफर कामयाब भी हुए हैं। फिल्म का एक गाना ‘कैसा ये इस्क है, अजब सा रिस्क है’ पहले से ही सुपरहिट हो गया है और गली कूचों में गूंज रहा है। संगीत निर्देशक सोहेल सेन ने इरशाद कामिल के गीतों को कर्णप्रिय और पॉपुलर दोनों बना दिया है। फिल्म की यूएसपी इसका गीत-संगीत ही है। परीक्षित साहनी के दो बेटे हैं, लव (अली जफर) व कुश (इमरान खान)। लव लंदन में रहता है और अपनी गर्लफ्रेंड से उसका ब्रेकअप हो गया है। वह अपने छोटे भाई इमरान खान को अपने लिए लड़की तलाशने की जिम्मेदारी सौंपता है। लड़की तलाशने के कुछ कॉमिक दृश्यों से फिल्म में हास्य जुटाया गया है। अंत में कंवलजीत सिंह के परिवार में मामला बनता दिखता है और इमरान खान उनके घर पहुंच जाता है। उनकी बेटी तो कैटरीना कैफ है, जिससे आगरा के एक स्टूडेंट कैंप में इमरान पांच साल पहले टकरा चुका था। तब दोनों ने एक दूसरे की मौजूदगी में फील गुड जैसा कुछ पाया था। अब कैटरीना के साथ मस्ती करते, शॉपिंग करते और धमाल मचाते हुए इमरान उसके और करीब आ जाता है। आखिर मां-बाप और भाई से बात करा कर इमरान कैटरीना को ‘भाईसाहब’ के लिए पसंद कर लेता है। भाई लंदन से दिल्ली के लिए निकल पड़ता है। उधर, कैटरीना और इमरान के बीच पनपी अंडरस्टैंडिंग और मस्ती प्यार में बदल गयी है इसका अहसास दोनों को तब होता है, जब कैटरीना की मंगनी इमरान के भाई से हो जाती है। यहां पहुंच कर मजेदार सी फिल्म एक इमोशनल मोड़ पर घूम जाती है। मंगनी कैसे टूटे और कैट-इमरान की जोड़ी कैसे बने, इसके लिए एक मसाला ढूंढ़ा गया है। फिल्म बांधे रखती है। यशराज बैनर की फिल्म है, इसलिए शालीनता और पारिवारिकता का ख्याल रखा गया है। एक हल्की-फुल्की टाइमपास फिल्म है जो मनोरंजक भी है।

निर्देशक: अली अब्बास जफर
कलाकार: इमरान खान, कैटरीना कैफ, अली जफर, कंवल जीत सिंह, परीक्षित साहनी, तारा डिसूजा
गीत: इरशाद कामिल
संगीत: सोहेल सेन

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