Monday, July 8, 2013

लुटेरा

फिल्म समीक्षा

मर्मान्तक प्रेम की ‘लुटेरा‘

धीरेन्द्र अस्थाना

बेवजह और अविश्वसनीय मारधाड़ तथा ऊटपटांग कॉमेडी की भीड़ में जब कभी महीन भावनाओं और गहरे प्यार की कहानी आती है तो अच्छा लगता है। निर्देशक विक्रमादित्य मोटवाने फिल्म ‘लुटेरा‘ के रूप में ऐसी ही मार्मिक प्रेम कहानी लेकर आये हैं जिसे देखते समय अहसास होता है कि आप ताजा हवा के बीच से गुजर रहे हैं। बस इसका दुखद पहलू यह है कि यह एक मरते हुए प्रेम की मर्मान्तक कहानी बनकर पर्दे पर उतरी है। डर है कि सुखद अंत के अभ्यस्त दर्शक इस दुखद अंत वाली प्रेम कथा को अपनाएंगे या नहीं। फिल्म अपने कहे जाने के दौरान दर्शकों से थोड़े धैर्य की उम्मीद भी करती है क्योंकि फिल्म में पांचवंे दशक का कालखंड है इसलिए दो जनों के बीच प्रेम की भाषा और अभिव्यक्ति में उस समय का ध्यान रखा गया है। इस कारण फिल्म काफी धीमी है। विशेषकर इंटरवल तक तो फिल्म के पात्रों और कथा को जस्टीफाई भर किया जा सका है। इंटरवल के बाद फिल्म थोड़ा गति पकड़ती है और दर्शकों को अपने साथ बनाये रखने में कामयाब हो जाती है। एक टीबीग्रस्त मरती लड़की के किरदार को सोनाक्षी ने गजब जीवंतता और सहजता से साकार किया है। सोनाक्षी ने साबित किया है कि वह सिर्फ स्टार नहीं बल्कि एक्ट्रेस भी हैं। रणवीर सिंह को भी पहली बार अपने भीतर के अभिनेता को उजागर करने का मौका मिला है एक स्मगलर और चोर के भीतर रहने वाले इंसान और प्रेमी के टकराव को उभारने में वह सफल हुए हैं। मरती हुई सोनाक्षी के मन में यह विश्वास जम गया है कि जिस दिन उनके घर के बाहर खड़े पेड़ की आखिरी पत्ती भी झर जाएगी उसी दिन उनकी मौत भी हो जाएगी। इस बात का पता रणवीर सिंह को है इसलिए वह एक नकली पत्ती बनाकर पेड़ पर बांध देता है ताकि सोनाक्षी के भीतर जीने की जिजीविषा बनी रहे। यही उसका प्रेम है। फिल्म के अंत में रणवीर पुलिस की गोली से मारा जाता है लेकिन सोनाक्षी के रूप में उसका प्यार जिंदा रहता है। आखिरी पत्ती झरती नहीं, वह लहराती रहती है। इस प्रतीकात्मक और संवेदनशील प्रेम कहानी की प्रेरणा निर्देशक ने विश्व प्रसिद्ध कहानीकार ओ. हेनरी की कथा ‘द लास्ट लीफ‘ से ली है और इस तथ्य को स्वीकार भी किया है। संवेदनशील, नाजुक और बारीक विषयों को पसंद करने वाले दर्शकों के लिए यह एक नायाब तोहफा है। आम दर्शक भी सिनेमा के एक अलग आस्वाद से गुजरने के लिए फिल्म देख सकते हैं। 

निर्देशक: विक्रमादित्य मोटवाने
कलाकार: रणवीर सिंह, सोनाक्षी सिन्हा
संगीत: अमित त्रिवेदी
गीत: अमिताभ भट्टाचार्य 

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