Saturday, February 9, 2013

स्पेशल छब्बीस


फिल्‍म समीक्षा 

दिलचस्प मगर धीमी ‘स्पेशल छब्बीस‘

धीरेन्द्र अस्थाना

आतंकवाद के विरुद्ध आम आदमी के निर्णायक युद्ध का विचार बड़े पर्दे पर पेशकर निर्देशक नीरज पांडेय ने बालीवुड में अपना चमकदार परचम लहराया था। फिल्म थी ‘ए वेडनसडे‘ जिसने देश के प्रबुद्ध दर्शक वर्ग को झकझोर कर रख दिया था। इन्हीं नीरज पांडेय की फिल्म है ‘स्पेशल छब्बीस‘। फिल्म इस लिहाज से बेहतर है कि मसाला फिल्मों के लिए जो सामग्री चाहिए मसलन मारधाड़, आइटम डांस, अर्धनग्न चित्रण, विदेशी लोकेशन - वह सब कुछ इसमें नहीं है। एक साफ सुथरी, कथा केंद्रित और दिलचस्प सस्पेंस फिल्म है। फिल्म को कुशलता के साथ बुना गया है। वर्ष 1987 का समय है इसलिये गानों के बोलों में उस समय का ध्यान रखा गया है। पटकथा सुगठित लेकिन गति सुस्त है। चरित्र, घटनाएं, समय, समाज और परिस्थितियां स्थापित करने में ही आधी फिल्म गुजर जाती है। फिल्म की मुख्य हीरोइन काजल अग्रवाल को कोई काम नहीं मिला है। वह विभिन्न लोकेशनों पर अक्षय कुमार का इंतजार ही करती रहती है। पूरी फिल्म अक्षय कुमार और मनोज बाजपेयी पर केंद्रित है और दोनों ने उम्दा अभिनय से फिल्म को रोचक बनाये रखा है। अक्षय कुमार नकली सीबीआई आफीसर हैं और मनोज बाजपेयी असली सीबीआई आफीसर। दरअसल आज से 25-26 साल पहले मुंबई के एक बड़े और नामी ज्वैलर के शोरूम पर खुद को सीबीआई बताकर कुछ ठगों ने रेड मारी थी। उसी घटना से प्रेरित होकर नीरज ने इस फिल्म को अंजाम दिया है। अक्षय कुमार सीबीआई के नाम पर एक नकली टीम बनाकर देशभर में रेड डालता फिरता है। अंतिम काम के बतौर वह मुंबई के ज्वैलर को चुनता है। इंस्पेक्टर रणवीर सिंह (जिमी शेरगिल) से मिली सूचनाओं के आधार पर मनोज बाजपेयी इस ठगी से टकराने के लिए अपना जाल बिछाता है। वह पुलिस फोर्स के साथ शोरूम के बाहर खड़ा रहता है, जहां अक्षय द्वारा तैयार 26 लोगों की टीम एक वैन में बैठी है शोरूम लूटने के लिये। सब बैठे रह जाते हैं और अक्षय ज्वैलर की वर्कशॉप लूटकर फरार हो जाता है। ठीक इस बिंदु पर मनोज बाजपेयी ने एक ठगे गये आफीसर के हावभाव का गजब अभिनय किया है। असल में जिमी भी अक्षय से मिला होता है। यह रहस्य अंत में खुलता है इसलिये फिल्म का सस्पेंस बना रहता है। 
निर्देशक: नीरज पांडे
कलाकार: अक्षय कुमार, मनोज बाजपेयी, अनुपम खेर, काजल अग्रवाल, जिमी शेरगिल और दिव्या दत्ता आदि।
संगीत:  हिमेश रेशमिया, एमएम करीम

1 comment: