फिल्म समीक्षा
मोहब्बत और प्रतिभा की सांप-सीढ़ी: ‘आशिकी-2‘
धीरेन्द्र अस्थाना
यह पुरानी ‘आशिकी‘ का सीक्वेल नहीं है। पहली वाली ‘आशिकी‘ चूंकि सुपरहिट रही थी, इसलिए शोहरत भुनाने की कोशिश में इसे ‘आशिकी-2‘ कहा गया है। अगर आप रणबीर कपूर की ‘रॉकस्टार‘ और अमिताभ बच्चन की ‘अभिमान‘ जैसी बेहतरीन तथा संवेदनशील फिल्में देख चुके हैं तो ‘आशिकी-2‘ आपके ज्ञान या संवेदन में कोई इजाफा नहीं कर पायेगी। ‘आशिकी-2‘ मूलतः एक संगीत प्रधान प्रेम कहानी है, जिसमें एक सुपर स्टार सिंगर की कुंठा और नाकामी को जबरन और बेवजह डाला गया है। असल में यह अच्छे अभिनय की फीकी प्रेम कहानी बन कर रह गयी है। दोनों युवा कलाकारों श्रृद्धा कपूर और आदित्य राय कपूर ने अपनी तरफ से बेहतर अभिनय किया है। प्यार, नफरत, दुख, पश्चाताप और फ्रस्ट्रेशन का इमोशन सधे हुए ढंग से निभाया है दोनों ने लेकिन फिल्म की कहानी में ‘लॉजिक‘ नहीं है। गाने भी सुनने में अच्छे लगते हैं और कई संवाद भी मर्मस्पर्शी हैं मगर निर्देशन और कथा में चमक और चुस्ती नहीं है। आदित्य राय कपूर एक सुपर स्टार सिंगर रहा है लेकिन शोहरत और दौलत उसे हजम नहीं हुई। अब वह जिंदगी चलाने के लिए छोटे छोटे शहरों में एकल शो करता फिर रहा है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि वह हर समय शराब पीता रहता है और दर्शकों, श्रोताओं तथा प्रेस कर्मियों से मारपीट करता रहता है। सिंगर इंडस्ट्री में वह शराबी और कुंठित और नकचढ़ा गायक के तौर पर बदनाम है। लेकिन उसका चरित्र ऐसा क्यों बन गया है, इसका कोई ठोस और विश्वसनीय कारण मौजूद नहीं है। उसके जीवन में एक संघर्षशील गायिका श्रद्धा कपूर अवतरित होती है, जिससे वह तुरंत प्यार करने लगता है और उसे बड़ी गायिका बनाने का जिम्मा लेता है। जब उसके प्रयासों से यह लड़की सफलता की सीढ़ियां चढ़ने लगती है तो नायक अपनी ही बनायी मूरत से ईर्ष्या करने लगता है। हीरोइन की शोहरत हीरो की छाती में सेंध बनाने लगती है और वह खुद को नष्ट करने पर आमादा हो उठता है। हीरोइन का प्यार हीरो को सही सीढ़ियों की तरफ ले चलता है लेकिन हीरो की कुंठा उस सीढ़ी को तोड़ कर उसे आत्महत्या के रास्ते पर ले जाती है। इस हादसे से स्तब्ध हीरोइन पहले गायन से संन्यास लेने का मन बनाती है लेकिन फिर बड़ी गायिका बन कर अपने आशिक का सपना पूरा करने के रास्ते पर चल पड़ती है। अच्छे अभिनय और सुंदर गानों के लिए फिल्म देखी जा सकती है।
निर्देशक: मोहित सूरी
कलाकार: आदित्य राय कपूर, श्रृद्धा कपूर, शाद रंधावा
संगीत: जीत गांगुली, मिथुन, अंकित तिवारी
No comments:
Post a Comment