फिल्म समीक्षा
आतंक कुचलने आया ‘कमांडो‘
धीरेन्द्र अस्थाना
पूरी तरह मसाला फिल्म है लेकिन इतने शानदार ढंग और बेजोड़ समझदारी के साथ बनी है कि आनंद आ जाता है। आने वाले समय में इसके दर्शक बढेंगे। निर्माता विपुल शाह ने फिल्म इंडस्ट्री को जो नया एक्शन स्टार दिया है उससे आने वाले समय में दर्शक काफी उम्मीदें करेंगे इसलिए फिल्म के हीरो विद्युत जामवाल की जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है कि वह भविष्य की उम्मीद बनता नजर आये। विद्युत ने पहले भी छोटा मोटा रोल किया है लेकिन ‘कमांडो‘ में वह सचमुच कमांडो बन कर उतरा है। बहुत गहरी वादी में उसे फेंके जाने का जो दृश्य है उसके अलावा तमाम सारे खतरनाक और रोमांचक स्टंट स्वयं विद्युत ने ही किये हैं। एक बातचीत में विद्युत ने बताया भी था कि वह पांच-छह साल की उम्र से ही मार्शल आर्ट की दुनिया में उतर गया था। शायद यही कारण है कि उसके द्वारा की गयी मारामारी में काफी कुछ ताजगी भी है। लेकिन उसका चेहरा इतना भावशून्य और सपाट है कि कई उन युवा एक्टरों की तरह वह रोमांस के जोनर में फिट नहीं बैठ सकता जो रोमांच और एक्शन दोनों को सफलता पूर्वक निभा ले जाते हैं। निर्माता-निर्देशक दोनों इस तथ्य से परिचित रहे हैं इसीलिए उन्होंने फिल्म की हीरोईन पूजा चोपड़ा के मुंह से कहलवा दिया है -‘लोगों के तो कपड़े इस्त्री किए हुए होते हैं पर तुम्हारा तो चेहरा ही इस्त्री किया हुआ है।‘ संवाद और हीरोईन की बात आयी है तो बता दें कि बॉलीवुड को अनुष्का शर्मा जैसी एक और चुलबुली और पंजाबी स्टाइल वाली कुड़ी मिल गयी है। फिल्म में पूजा और विद्युत का जो ड्रीम सीक्वेन्स रखा गया है उसके सभी दृश्यों में पूजा दिलकश और खूबसूरत लगी है। उस पर विशेष बात यह कि पूजा को विभिन्न आयामी अभिनय कला भी आती है। फिल्म दो मजबूत संदेश भी देती है। पहला यह कि कोई भी शख्स यूं ही कमांडो नहीं बन जाता। दस हजार लोगों में से कोई एक व्यक्ति कमांडो बन पाता है। दूसरा संदेश यह कि बॉर्डर पर तैनात जवानों से हमारी सीमाएं सुरक्षित हैं लेकिन गुंडागर्दी, दहशतगर्दी और दादागिरी के नाम पर जो कचरा देश के भीतर इकट्ठा है पहले उसकी सफाई भी जरूरी है। इस कचरे का प्रतीक बना, फुल फॉर्म में आया नया खलनायक जयदीप अहलावत भी अपने अंदाज से दर्शकों को लुभाने में सफल हुआ है। फिल्म का गीत-संगीत भी बेहतर और कर्णप्रिय है। बहुत कसी हुई फिल्म है। एक भी पल बोझिल नहीं है। फिल्म देख लेनी चाहिए। फुल टाइमपास।
निर्देशक: दिलीप घोष
कलाकार: विद्युत जामवाल, पूजा चोपड़ा, जयदीप अहलावत
संगीत: मन्नन शाह
No comments:
Post a Comment