Monday, April 8, 2013

चश्मेबद्दूर


फिल्म समीक्षा

फिर हंसने हंसाने को आयी ‘चश्मेबद्दूर‘

धीरेन्द्र अस्थाना

अगर आप बहुत दिनों से खुल कर नहीं हंसे हैं तो डेविड धवन द्वारा निर्देशित ‘चश्मेबद्दूर‘ देख आयें। यह पुरानी ‘चश्मेबद्दूर‘ का लगभग कहानी के स्तर पर जरूर रीमेक है लेकिन संवेदना, सोच, ट्रीटमेंट, मुहावरा और अभिनय आज के युवा समय का है इसलिये आर्श्चय नहीं कि युवा दर्शक इसे हाथों हाथ लें। फिल्म का गाना ‘हरेक दोस्त कमीना होता है‘ पहले ही महापॉपुलर हो चुका है लेकिन अगर इसे फिल्म के बीच में कहीं शूट किया जाता तो गाने का मजा दुगना हो जाता। गाना चल रहा होता है और दर्शक उठकर जा रहे होते हैं क्योंकि फिल्म समाप्त हो चुकी होती है। भले ही फिल्म में बड़े सितारे नहीं हैं लेकिन इस फिल्म की स्टार वेल्यू इसका निर्देशन और युवा अभिनेताओं का सहज, कॉमिक और यथार्थवादी अभिनय है। डेविड धवन ने कहीं भी फूहड़ सिचुएशन का सहारा नहीं लिया है। वह संवादों, स्थितियों और कलाकारों के जरिये दर्शकों को पूरी फिल्म में लगातार हंसाने में सफल हुए हैं। यह फिल्म भी तीन युवा दोस्तों की कहानी है जो मस्तीखोर, मुंहफट और बिंदास हैं। उन्होंने एक साल से न अपनी मकान मालकिन के घर का भाड़ा चुकाया है और न ही रेस्त्रां के मालिक को खाने का बिल अदा किया है। एक दिन उनके जीवन में एक लड़की तापसी पन्नू का आगमन होता है और तीनों उसे दिल दे बैठते हैं। तापसी पन्नू ने इस बिंदास, चुलबुली और स्मार्ट लड़की के किरदार को स्वतः स्फूर्त ढंग से किया है। उसके अभिनय में जरा भी बनावट नहीं लगती। इन तीन दोस्तों अली जफर, सिद्धार्थ और द्विव्येंदु शर्मा में से सिद्धार्थ और द्विव्येंदु लड़की पटाने के चक्कर में जमकर पिटते हैं जबकि अली जफर अपनी सादगी और कमिटमेंट के चलते तापसी का दिल जीतने में कामयाब हो जाता है। इस बात से कुढ़कर दोनों दोस्त अली के दिमाग में तापसी को लेकर अनाप शनाप सस्ती बातें भरते हैं। और दोनों की स्पेशल फ्रेंडशिप में दरार डलवाने में कामयाब हो जाते हैं। इसके बाद शुरू होता है इस कहानी का पार्ट टू। यानी दो प्रेमियों को फिर से मिलाने के लिये कमीने दोस्तों का सच्चा प्रयास। पूरी तरह कॉमेडी और यूथ फिल्म को ऋषि कपूर वाली उपकथा डालकर एक मेच्योर लुक देने का अनूठा प्रयास हुआ है। ऋषि कपूर और लिलेट दुबे का बीस सेकेंड का बारिश वाला दृश्य फिल्म को रोमानी स्तर पर समृद्ध करता है। असल में इस फिल्म का असली मजा इसे देखकर ही लिया जा सकता है क्योंकि हंसाने वाले तमाम दृश्यों को बताया नहीं जा सकता है उनका आनंद उन्हें देखने में ही है। पूरी तरह पैसा वसूल फिल्म है। 

निर्देशक: डेविड धवन
कलाकार: अली जफर, सिद्धार्थ, द्विव्येंदु शर्मा, तापसी पन्नू, ऋषि कपूर, अनुपम खेर, लिलेट दुबे
संगीत: साजिद-वाजिद

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