फिल्म समीक्षा
मांइडलेस कॉमेडी हार्डकोर एंटरटेनमेंट
धीरेन्द्र अस्थाना
असफल होने के बावजूद निर्माता निर्देशक कॉमेडी का दामन नहीं छोड़ते। वह कॉमेडी को मनोरंजन का सरताज मानते हैं। कॉमेडी में अगर थोड़ा दिमाग लगाया जाए या उसे तार्किक भी रखा जाए तो कॉमेडी भाती भी है। लेकिन ज्यादातर निर्देशक माइंडलेस कॉमेडी को ही तरजीह देते हैं। अक्षय कुमार की एंटरटेनमेंट भी उसी कतार की फिल्म है। वह माइंडलेस तो है लेकिन उसका एंटरटेनमेंट हार्डकोर है। दर्शक फिल्म के संवादों और दृश्यों के कारण हर पांच मिनट बाद हंसते नजर आ रहे थे। इतनी हंसी छलकेगी तो नोट तो बरसेंगे ही। आम दर्शक भी महंगा टिकट खरीद कर हंसने खिलखिलाने के लिए ही सिनेमा घर में जया करते हैं। फिल्म में मनोरंजन के सभी तत्व हैं। डांस-गाना-मारधाड़-इमोशन-ड्रामा-मोहब्बत और पैरोडी। टीवी धारावाहिकों की दिलचस्प पैरोडी फिल्म में की गयी है। टीवी स्टार कृष्णा अभिषेक भी फिल्म की यूएसपी हैं। उन्होंने भी दर्शकों को हंसाने में अक्षय का भरपूर साथ दिया है। तमन्ना की भूमिका शोपीस जैसी है। मिथुन चक्रवर्ती तमन्ना के पिता की भूमिका में हैं और उन्होंने अपनी भूमिका के साथ न्याय किया है। इंटरवल तक पूरी फिल्म सिर्फ हंसाने का काम करती है। उसके बाद फिल्म में इमोशन और एक्शन का आयाम जुड़ता है। अक्षय कुमार बैंकॉक के एक डायमंड किंग की नाजायज औलाद है। एक दिन अक्षय को पता चलता है कि डायमंड किंग तीन हजार करोड़ की संपत्ति छोड़ कर परलोक सिधार गया है। वह औलाद होने के सारे सबूत साथ ले कर बैंकॉक पहुंचता है जहां केयर टेकर जॉनी लीवर उसे बताता है कि तुम्हारे पिता जायदाद का वारिस एंटरटेनमेंट नामक कुत्ते को बना गये हैं जिसने उनकी जान बचायी थी। अक्षय और उसका दोस्त कुत्ते को मारने के कई उपाय करते हैं जो नाकाम होेते हैं। इंटरवल से ठीक पहले कुत्ता एक हादसे में अक्षय कुमार को मरने से बचा लेता है। अक्षय का दिल बदल जाता है और अब वह कुत्ते का साथी है। अब प्रकट होते हैं सोनू सूद और प्रकाश राज जो डायमंड किंग के कजिन ब्रदर हैं। वह जायदाद पर दावा करने आ धमकते हैं। अक्षय कैसे इन दोनों से लोहा लेता है और जायदाद उनके कब्जे से छुड़ा कर वापस कुत्ते को सौंपता है- बाकी आधी फिल्म इस तमाशे में खत्म होती है। कुत्ते ने बहुत शानदार काम किया है। सौ कुत्तों की एक ब्रिगेड को फिल्म में उतारने का कंसेप्ट प्रभावित करता है। कई जगह कुत्ता भी दर्शकों को हंसा कर लोटपोट कर देता है। सोनू सूद और प्रकाश राज जैसे कद्दावर विलेन कॉमेडी करते हुए बड़े अटपटे लगते हैं। मूलतः पूरी फिल्म अक्षय कुमार, जॉनी लीवर और कुत्ते की है। बाकी सब सहयोगी कलाकार हैं। गीत संगीत अच्छा है। देखी जाने लायक फिल्म है।
निर्देशक : साजिद - फरहाद
कलाकारःअक्षय कुमार, तमन्ना भाटिया, मिथुन चक्रवर्ती, जॉनी लीवर, कृष्णा अभिषेक, सोनू सूद और प्रकाश राज
संगीत : सचिन-जिगर
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