Saturday, April 12, 2014

ओ तेरी

फिल्म समीक्षा

हत्तेरे की  ओ तेरी 

धीरेन्द्र अस्थाना

एक गंभीर विषय को कॉमेडी का चोला पहना कर किस तरह नष्ट किया जा सकता है यह जानने के लिए ओ तेरी देखिए। यह जानने के लिए भी ओ तेरी देखी जा सकती है कि सलमान खान जैसे पॉपुलर और सुपर स्टार को कितने अपरिपक्व ढंग से इस्तेमाल किया गया है। जब फिल्म खत्म होने के बाद दर्शक ( गिनती के आठ दस) हॉल छोड़ रहे थे तब सलमान का कैम्यो डांस पर्दे पर आया। एक तरह से सलमान को पूरी तरह से वेस्ट ही कर दिया गया। यूं तो पूरी फिल्म ही वेस्ट कर दी गयी है क्योंकि निर्देशक फिल्म के विषय को साध ही नहीं पाया । सत्ता और मिडीया की सांठ गांठ जैसे गंभीर और सार्थक विषय को कुशलता और संवेदनशीलता के साथ निर्देशित किया जाता तो फिल्म कहीं की कहीं जा सकती थी । लेकिन निर्देशक शायद कन्फ्यूज था कि फिल्म को हैंडल कैसे करे? राजनैतिक षड्यंत्रों का पर्दाफाश हास्य का मुखौटा लगा कर थोड़े ही किया जाता है। एक तरफ आप दिखाना यह चाहते हैं कि जिस मिडिया पर लोग आंख बंद कर भरोसा करते हैं वह अगर सत्ता के हाथों बिक जाए तो कैसा विनाश हो सकता है। दूसरी तरफ आप पत्रकारों को विदूषक बना कर पेश कर देते हैं।ं फिल्म के दोनों हीरो पुलकित सम्राट और बिलाल अमरोही स्ट्रगलर टीवी पत्रकार हैं और बार बार असफल होने के बावजूद ऐसी किसी स्टोरी की तलाश में हैं जा उन्हें रातों रात स्टार बना दें। इस तलाश में उनका सामना सत्ता पक्ष के नेता अनुपम खेर, विपक्ष के नेता विजय राज, मीडिया क्वीन सारा जेन डायस और कुछ भ्रष्ट ठेकेदारों की टीम से होता है। ये सब लोग अपने स्वार्थों के कारण एकजुट हैं और देश की जनता के मेहनत के पैसों की डकैती कर रहे हैं। दोनो हीरो हर षडयंत्र का स्टिंग ऑपरेशन करते हैं मगर पता नहीं कैसे हर बार उनके टेप गायब करा दिये जाते हैं। अंत में ये सब भ्रष्टाचारी मिल कर इन दोनों को मार डालने पर उतारू हो जाते हैं। लेकिन मोबाइल फोन और घटनास्थल के बाहर खड़ी ओबी वैन के जरिए भ्रष्ट गठजोड की धमकियों और घातक स्वीकारोक्तियों का लाइव प्रसारण पूरे देश में दिखाई देने लगता है और इसे देख पुलिस घटना स्थल को घेर लेती है। सारे षड्यंत्रकारी गिरफ्तार कर लिए जाते है। दोनों हीरो प्रसिद्ध हो जाते हैं जो उनकी ख्वाहिश थी। फिल्म में कुछ अच्छे डांस हैं जिनकी सिचुवेशन गलत है। जो लोग हर विषय और घटना में कॉमेडी खोजने के शौकीन हैं उन्हें यह फिल्म पसंद आ सकती है। बहुत लंबे समय के बाद ग्लैमरस रूप में मंदिरा बेदी को देखना अच्छा लगा। 


निर्देशकः उमेश बिष्ट
कलाकारः पुलकित सम्राट, बिलाल अमरोही, सारा जेन डायस, अनुपम खेर, मंदिरा बेदी,विजय राज
संगीतः हार्ड कौर, जीजे सिंह

’बेकार ’’ साधारण ’’’ अच्छी ’’’’ बहुत अच्छी ’’’’’ अद्वितीय

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