फिल्म समीक्षा
मिस्टर जो. बी. करवाल्हो
ऐसे भी तो संभव है बुरा सिनेमा
धीरेन्द्र अस्थाना
थियेटर में घुसने से पहले यह अंदाजा
तो था कि ‘मिस्टर जो. बी. करवाल्हो‘ एक साधारण फिल्म होगी। लेकिन यह भरोसा भी था कि फिल्म में
अरशद वारसी, सोहा अली खान, जावेद जाफरी, विजय राज, वीरेन्द्र सक्सेना और शक्ति कपूर जैसे जांचे-परखे अभिनेता
काम कर रहे हैैं तो फिल्म का टाइमपास होना लाजिमी है। मगर यह क्या? इस भरोसे का तो कत्ल हो गया। यहां तो सारे कलाकार इस तरह
बर्ताव कर रहे थे कि पैसे के लिए जो भी करवा लो। यह अंदाजा बिल्कुल नहीं था कि साल
की शुरुआत में साल की सबसे बुरी फिल्म से पाला पड़ जाएगा। स्टार देने का नियम है
इसलिए खराब फिल्म वाला एक स्टार दिया है वरना असल में तो यह एक स्टारलेस मूवी है
जिसने खराब फिल्म का वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम पर कर लिया है। फिल्म देखने के बाद
यह पड़ताल जरूरी थी कि क्यों बॉलीवुड में अनुराग कश्यप की अदभुत फिल्म ‘ब्लैक फ्रायडे‘ को पूरे आठ साल तक
प्रोड्यूसर और थियेटर नहीं मिले और क्यों इस फिल्म को देश भर में इतने सारे थियेटर
मिल गये? पता चला, मामला इमोशनल अत्याचार का है। फिल्म के प्रोड्यूसर भोलाराम
मालवीय अमिनेता अरशद वारसी के लंबे समय से सेक्रेट्री हैं। अब सेक्रेट्री निर्माता
बनेगा तो रिश्ते के इमोशन में फंसना ही होगा न। बेचारे अरशद वारसी भी हो गये
इमोशनल अत्याचार के शिकार। इन्हीं अरशद वारसी की अगले शुक्रवार ‘डेढ़ इश्किया‘ जैसी अजब-गजब फिल्म
प्रदर्शित होने जा रही है। अनुमान लगाया जा सकता है कि फिल्म के बाकी कलाकारों ने
भी किसी न किसी इमोशनल ब्लैकमेल के तहत फिल्म की होगी। वरना यूं ही कोई घटिया
सिनेमा में नहीं उतर जाता। फिल्म देखने का कोई कारण नहीं है इसलिए इस हफ्ते की
फिल्म के टिकट के पैसों का खाने-पीने में सदुपयोग कर लें तो ज्यादा बेहतर होगा।
रिवाज है इसलिए कुछ तो फिल्म के बारे में भी बताना ही होगा। फिल्म को कॉमेडी जोनर
की बताया गया है मगर यह ऐसी कॉमेडी है जिस पर रोना ही आ सकता है। अरशद वारसी एक
प्राइवेट जासूस है जिसे घर से भागी, एक अमीर सौतेले बाप की
बेटी का प्रेम विवाह रुकवाने का महंगी फीस वाला केस मिलता है। जावेद जाफरी एक
इंटरनेशनल हत्यारा है जिसे पकड़ने के लिए सोहा अली खान को तैनात किया जाता है। सोहा
एक पुलिस अधिकारी है जो बचपन से अरशद से प्यार करती आयी है मगर अरशद को ही
इंटरनेशनल किलर समझ उससे नफरत करने लगी है। परंपरा के अनुसार फिल्म की हैप्पी
एंडिंग हो जाती है और खलनायक नदारद हो जाते हैं।
निर्देशक: समीर तिवारी
कलाकार: अरशद वारसी, जावेद जाफरी, सोहा अली खान, विजय राज, शक्ति कपूर, वीरेन्द्र सक्सेना
संगीत: अमर्त्य राहत
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