फिल्म समीक्षा
कर ले प्यार कर ले
ऐसी पिक्चर का क्या करें
धीरेन्द्र अस्थाना
बड़े फिल्म निर्माता की संतान होने
का एक फायदा यह हो जाता है कि सिनेमा में संघर्ष आसान हो जाता है। लेकिन यह कतई
जरूरी नहीं है कि बड़े अभिनेता, निर्माता या लेखक का बेटा
भी वही बने जो उसका पिता है। समझदार लोग संतान मोह में नहीं फंसते। वह अपनी
संतानों के लिए उनकी प्रतिभा, परिश्रम और व्यक्तित्व के
अनुरूप उनके करिअर का चुनाव करते-करवाते हैं। लेकिन कुछ लोग संतान मोह में फंस कर
संतान को अभिनेता या अभिनेत्री बनाने के लिए फिल्म लांच कर देते हैं। निर्माता
सुनील दर्शन ने भी यही किया है। बेटे को लेकर एक एक्शन लव स्टोरी ‘कर ले प्यार कर ले‘ बना डाली। कुल फिल्म का
हासिल शून्य है। फिल्म में अगर किसी के काम की तारीफ की जा सकती है तो हीरोईन की
मां अमनदीप कौर और विलेन के बेटे अहम शर्मा की। एक-दो लोगों को छोड़ कर फिल्म के
सभी कलाकार नये हैं लेकिन उन्होंने ठीक-ठाक काम करने की पूरी कोशिश की है। फिल्म
के हीरो शिव दर्शन और हीरोईन हसलीन कौर के भीतर ‘एक्टिंग
मैटीरियल‘ है ही नहीं। जिम जा कर बॉडी बना
लेने से एक्टर बन जाने वाले दिन अब लद गये। अब एक्टर बनने के लिए अभिनय का ज्ञान
होना भी लाजिमी है। यह बात सुनील दर्शन के बेटे शिव दर्शन को समझनी होगी। बेहतर
होगा कि वह कुछ समय का गैप लेकर अभिनय की बारीकियों को समझें। सलमान, शाहरुख, आमिर के अभिनय को गौर से
देखें। और उसके बाद पूरी तैयारी से दूसरी पारी में उतरें। पहली पारी में तो
दर्शकों ने उन्हें सिरे से नकार दिया है। फिल्म आलोचकों की नजर में ही नहीं बॉक्स
ऑफिस पर भी औंधे मुंह गिर पड़ी है। गलती सुनील दर्शन की नहीं है। वह पैसा लगा सकते
थे, लगाया लेकिन उनका चुनाव गड़बड़ा गया।
उन्होंने निर्देशक भी ऐसा चुना जो फिल्म को संभाल ही नहीं पाया। पटकथा लेखकों ने
केवल ‘पट‘ रहने
दिया और ‘कथा‘ को
नष्ट कर दिया। एक बेहद थकी हुई पटकथा में तो नसीरुद्दीन शाह जैसे कलाकार भी कोई
करिश्मा नहीं कर सकते। यहां तो कलाकार भी नौसिखिये थे। नये खलनायक रूमी खान ने
प्रख्यात खलनायक प्रकाश राज को कॉपी करने की काफी कोशिश की है मगर उनकी आवाज में
वह दम नहीं है जिसके लिए प्रकाश राज जाने जाते हैं। फिल्म का जो उदास गाना बेहद
पॉपुलर चल रहा है उसका फिल्मांकन बेहद अनर्गल है और गायिकी फटे बांस जैसी है।
फिल्म देखने का एक भी कारण फिल्म में मौजूद नहीं है। बेहतर है कि इस हफ्ते के
फिल्मी बजट की चाट खा लें।
निर्देशक: राजेश पांडे
कलाकार: शिव दर्शन, हसलीन कौर, अहमद शर्मा, अमनदीप कौर, रूमी खान, महेश ठाकुर
सगीत: रेयान अमीन, राशिद खान आदि।
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