फिल्म समीक्षा
इश्क के इम्तिहान की रमैया वस्तावैया
धीरेन्द्र अस्थाना
टिप्स कंपनी के राजकुमार गिरीश कुमार को लांच करने के लिए तौरानी ब्रदर्स ने प्रभुदेवा जैसे प्रतिभाशाली डांसर-एक्टर डायरेक्टर से जो लवस्टोरी बनवायी उसी का नाम है ‘रमैया वस्तावैया‘। वैसे तो फिल्म के सभी गाने पहले से ही चर्चित हो चुके हैं, लेकिन ‘जीने लगा हूं पहले से ज्यादा, पहले से ज्यादा मरने लगा हूं‘ तो सुपरहिट है। इस गाने के फिल्मांकन में काफी सुंदर कल्पनाशीलता भी बरती गयी है, लेकिन प्रभुदेवा ने फिल्म की कहानी के साथ कोई प्रयोग नहीं किया है। नये समय और नये मिजाज के इस दौर में जब नये निर्देशक नये विचार लेकर आ रहे हैं तो प्रभु ने कहानी का ट्रेडीशनल दामन ही थामा है। गिरीश कुमार और श्रुति हसन की प्रेम कहानी के इर्दगिर्द उन्होंने वही फ्रेम खड़ा किया है जो पुराने दौर के सिनेमा में खड़ा किया जाता था। पिता द्वारा मां को छोड़ दिया जाना, सदमे से मां का मर जाना, भाई-बहन का अनाथ हो जाना, भाई द्वारा कड़ी मेहनत करके फिर से घर बसाना, बहन को बड़ा करना, उसे पढ़ाना-लिखाना, बहन पर जान छिड़कना, गांव-खेत जमींदार। भाई के रोल में सोनू सूद ने प्रभावशाली अभिनय किया है। कहानी को स्टार वैल्यू देने के लिए प्रभु ने रणधीर कपूर, गोविंद नामदेव, पूनम ढिल्लो, सतीश शाह, विनोद खन्ना जैसे पुराने और धुरंधर कलाकारों का तो सहयोग लिया ही है स्वयं भी एक आकर्षक डांस पर जमकर नाचे हैं। जैकलीन फर्नांडिस जैसी नयी लेकिन चर्चित हो चुकी हीरोइन से उन्होंने एक आइटम सांग भी करवा लिया है। श्रुति हसन ने भी अपने किरदार के साथ न्याय किया है। भाई का आदेश मानने वाली गांव की सीधी सादी गोरी के किरदार में वह सहज लगी है लेकिन गिरीश कुमार का क्या करें। उसने मेहनत तो बहुत की है-प्यार में भी और मारधाड़ में भी। मगर उसके भीतर स्टार वाली चमक नहीं है। वह चमक जिससे दर्शक कलाकार के दीवाने हो जाते हैं। जैसी चमक ऋतिक, रणबीर, इमरान आदि की पहली फिल्मों में थी। यह बात भी समझ में नहीं आयी कि प्रभु ने फिल्म का पहला भाग कॉमेडी के चोले में क्यों रखा? हां इश्क के इम्तिहान के रूप में गिरीश से खेती करवाना, तबेला साफ करवाना, फसल उगवाना आदि का विचार जरूर नया और जमीन से जुड़ा हुआ नजर आता है। फिल्म के अंत में गिरीश से जमींदार के बेटे का कत्ल हो जाता है, जिसे बचाने के लिये सोनू सूद पुराने स्टाइल में इल्जाम अपने सिर लेकर सात साल के लिये जेल चला जाता है। पूरी फिल्म फ्लैश बैक में है। ढाई घंटे की फिल्म है, लेकिन कहीं भी बोर नहीं करती।
निर्देशक: प्रभुदेवा
कलाकार: गिरीश कुमार, श्रुति हसन, सोनू सूद, रणधीर कपूर, पूनम ढिल्लो, गोविंद नामदेव, विनोद खन्ना, सतीश शाह
संगीत: सचिन-जिगर
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