फिल्म समीक्षा
सपनों का सफर है 'ये जवानी है दीवानी'
धीरेन्द्र अस्थाना
फिल्म निर्देशक अयान मुखर्जी ने पिछले
दिनों राष्ट्रीय सहारा से कहा था कि मैं एक ऐसी फिल्म बनाना चाहता था जिससे पूरा देश
जुड़े। 'ये जवानी है दीवानी' बनाकर मेरा यह सपना पूरा हो गया।
'ये जवानी है दीवानी' को देखने के लिए दर्शक खासकर युवा दर्शक उमड़ पड़े। आज की युवा
पीढ़ी की महत्वाकांक्षा, भटकन, मौज-मस्ती करने की फितरत और अपने सपनों को पूरा करने की तेज
रफ्तार जद्दोजहद को अयान मुखर्जी ने बेहद खूबसूरती और कुशलता से पकड़ने की कामयाब कोशिश
की है। उस पर रणवीर कपूर और दीपिका पादुकोण का जीवंत और जानदार अभिनय। पूरी फिल्म मोहब्बत,
इमोशन और सपनों के
सफर का सुंदर अनुभव बन गई है। अकेले माधुरी दीक्षित का घाघरा वाला आइटम नंबर ही पैसा
वसूल है। बाकी फिल्म तो बोनस जैसी है। फिल्म के एक और हिट गीत 'बदतमीज दिल बदतमीज दिल' पर
रणबीर कपूर ने जैसा धमाकेदार डांस किया है, उसके पार जाने में उनके समकालीन एक्टरों
को पसीने आ सकते हैं। रणवीर इमोशनल, बेपरवाह, बिंदास और भावुक दृश्यों में जान डाल देते हैं। कहानी
कहने का वही आजकल का नया फंडा है। कुछ कॉलेज के दोस्त हैं जिन्हें जीवन में अलग-अलग
कुछ पाना है। कुछ सफल हुए कुछ पीछे रह गए। कुछ मनचाहा जीवन जी रहे हैं, कुछ मन मारकर जीने पर मजबूर
हैं। जिंदगी में कितनी भी दौड़ लगाओ, चाहा हुआ सब कुछ कहां मिल पाता है। यही इस फिल्म का संदेश
है। इसलिए वह करो जिससे खुश भी रहो। मूलत: यह एक स्कालर और संजीदा लड़की दीपिका पादुकोण
और मनमौजी, अलमस्त, बंजारा टाइप युवक रणवीर कपूर के प्यार की कहानी है जिसे रणवीर की महत्वाकांक्षा
के पंख देकर दिलचस्प और रेसी बनाया गया है। यह एक संगीत प्रधान फिल्म भी है जिसके सारे
ही गाने कर्णप्रिय और मनभावन हैं। रणवीर और दीपिका के अलावा कल्कि कोचलिन का बिंदास
तथा आदित्य राय कपूर का उदास अभिनय फिल्म को एक नया स्पर्श देता है और नया आयाम भी।
नई पीढ़ी अराजक और मूल्यहीन नहीं है। इस पर तोहमत लगाने के बजाय उसे जानने-समझने का
प्रयत्न होना चाहिए। वहां सब महत्वाकांक्षा की भेंट नहीं चढ़ गया है। वहां भी इमोशन
अभी बाकी है। देखने लायक फिल्म है।
निर्देशक : अयान
मुखर्जी
कलाकार : रणवीर कपूर, दीपिका पादुकोण, आदित्य राय कपूर,
कल्कि कोचलिन,
माधुरी दीक्षित (आइटम
नंबर)।
संगीत : प्रीतम
चक्रवर्ती
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