Monday, May 20, 2013

औरंगजेब


फिल्म समीक्षा

रिश्ता-रिश्ता औरंगजेब

धीरेन्द्र अस्थाना

लेखक-निर्देशक अतुल सभरवाल ने अपनी फिल्म औरंगजेबमें कई उम्दा काम किये हैं। पहला यह कि दिल्ली, मुंबई, लंदन, यूपी, बिहार से ऊबे दर्शकों को एक नयी लोकेशन दी है गुड़गांव। दूसरा यह कि फिल्म में उन्होंने नये, पुराने सितारों की पूरी फौज खड़ी कर दी है। उस पर दिलचस्प यह कि सभी कलाकारों से उन्होंने बेहतरीन काम लिया है फिर चाहे वह एक सीन वाली दीप्ति नवल हो या डबल रोल में काम करने वाले युवा सितारे अर्जुन कपूर। तीसरा यह कि पुलिस, भूमाफिया और युवाओं से लबरेज होने के बावजूद फिल्म में बेवजह ठूंसी गयी गालियां और फूहड़पन नहीं है। अर्जुन कपूर और नयी हीरोइन साशेह आगा (सलमा आगा की बेटी) के कुछ अतरंग दृश्य जरूर हैं पर इतना तो चलता है। सबसे अंतिम तारीफ यह कि पूरी फिल्म बांधे रखती है हर स्तर पर। तकलीफ सिर्फ इतनी है कि एक बेहद खूबसूरत और विचार प्रधान फिल्म कुछ कुछ जटिल हो गयी है। हर रिश्ते में घुसे औरंगजेब की पड़ताल करने वाली इस फिल्म में दर्शक कई बार कहानी की पकड़ से छूट जाता है। फिल्म में चरित्रों की तरह उपकथाएं भी बहुत ज्यादा हैं जिस कारण दर्शक की तारतम्यता टूट जाती है। जैकी श्राफ एक गैंगस्टर और कालान्तर में भूमाफिया है गुड़गांव का। दो जुड़वां बेटे पैदा करने के काफी देर बाद उसकी पत्नी तन्वी आजमी को पता चलता है कि उसका पति गैंगस्टर है। वह एक बेटे (अर्जुन कपूर) को लेकर घर से चली जाती है और डीसीपी अनुपम खेर की इनफॉर्मर बन जाती है। बाद में दोनों का रिश्ता मोहब्बत में बदलता है जिसका परिणाम यह कि अनुपम का अपना बेटा पृथ्वीराज उससे खफा रहता है। ऋषि कपूर अनुपम का छोटा भाई है और एक भ्रष्ट डीसीपी है। वह बेशुमार दौलत या असीमित पावर चाहता है। और अपनी इस महत्वाकांक्षा के आड़े आने वाले हर रिश्ते की बलि ले सकता है फिर चाहे वह उसका दामाद हो या भतीजा। उधर जैकी श्राफ की बिजनेस पार्टनर अमृता सिंह उसके बेटे अर्जुन कपूर को फूटी आंख नहीं सुहाती है। वह जैकी से पैदा हुए अपने बेटे को साम्राज्य का वारिस बनाना चाहती है। पूरी फिल्म सत्ता, पैसा और रिश्तों की इस जंग का ही सफरनामा बनकर एक बहुत पुराने सुखद अंत पर खत्म होती है जब दोनों जुड़वां भाई अर्जुन कपूर और सौतेला भाई पृथ्वीराज आपस में मिल जाते हैं और बदमाशों का अंत होता है। अमृता सिंह ध्यान खींचती हैं लेकिन साशेह को कुछ खास करने को नहीं मिला।

निर्देशक:           अतुल सभरवाल
कलाकार:          अर्जुन कपूर, साशेह आगा, जैकी श्राफ, ऋषि कपूर, अमृता सिंह, दीप्ति नवल, पृथ्वीराज, सिकंदर खेर, तन्वी आजमी
संगीत:             अमर्त्य राहत, विपिन मिश्रा

No comments:

Post a Comment