Saturday, December 1, 2012

तलाश


फिल्म समीक्षा

आत्माओं तक ले जाती है ‘तलाश‘

धीरेन्द्र अस्थाना

यह आमिर खान की ही फिल्म है। वह इस ‘तलाश‘ के न सिर्फ हीरो हैं बल्कि एक प्रोड्यूसर भी हैं। इसकी निर्देशिका रीमा कागती हैं और फिल्म बनने के दौरान रीमा से आमिर के कुछ रचनात्मक मतभेद भी हुए थे। फिल्म देखने के दौरान कुछ कुछ अंदाजा हो जाता है कि मिस्टर परफैक्शनिस्ट निर्देशिका से क्यों असहमत हुए होंगे। असल में यह उस तरह की फिल्म नहीं है जिस तरह की फिल्में आमिर खान की होती है। फिर चाहे निर्देशक कोई भी हो। यह नये समय में खड़ी हुई आधुनिक अंदाज और समकालीन मुहावरे वाली वैसी फिल्म है, जैसी पुराने जमाने ‘वह कौन थी‘ या ‘महल‘ या ‘कोहरा‘। रामगोपाल वर्मा की ‘भूत‘ से थोड़ा अलग लेकिन आत्माओं के अस्तित्व पर जिरह करने वाली भी और उनके अस्तित्व में आस्था व्यक्त करने वाली भी। फिल्म का कथानक उजागर नहीं करेंगे क्योंकि इससे इस सस्पेंस फिल्म का सस्पेंस ही गायब हो जाएगा। सब के सब जमे हुए कलाकार हैं इसलिए अभिनय के मोर्चे पर फिल्म लाजवाब है। ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर‘ से चर्चित नवाजुद्दीन ने वेश्याओं की गली में काम करते लंगड़े लेकिन चालबाज टपोरी के रूप में शानदार काम किया है। इस लड़के में आग है। यह बहुत दूर तक जाने वाला है। फिल्म की पटकथा बेहद कसी हुई है। दर्शक एक पल के लिए भी उलझता या ऊबता नहीं है। फिल्म के साठ फीसदी हिस्से में रानी मुखर्जी छायी रहती हैं लेकिन बाकी के चालीस फीसदी में करीना कपूर भी अपना करिश्मा करती नजर आती हैं। फिल्म की सबसे बड़ी खूबी उसका सस्पेंस हैं। फिल्म शुरू होते ही एक कार एक्सीडेंट में जिस फिल्मी हीरो की मौत होती है उसका लगभग अंत तक पता नहीं चलता कि ऐसा अजीबोगरीब एक्सीडेंट हुआ कैसे? वह तो अंत में उसी जगह, हुबहू उसी तरह आमिर की जीप दुर्घटनाग्रस्त होती है तब यह रहस्य उजागर होता है कि माजरा क्या है? इस माजरे तक पहुंचने के लिए जो यात्रा की गयी है वह निहायत दिलचस्प और सनसनीखेज है। फिल्म में गाने हैं लेकिन जवान पर चढ़ने वाले नहीं हैं। संगीत के स्तर पर फिल्म सामान्य ही है। फिल्म के अंत में आमिर खान की तलाश पूरी हो जाती है जब उन्हें अपने मृत बेटे करण की एक चिट्ठी द्वारा उस ‘गिल्ट‘ से मुक्ति मिल जाती है जिसे लेकर वह जी रहे थे। बेटे की दुर्घटना के समय अपनी जिम्मेदारी ठीक से निभा नहीं सकने का अपराध बोध आमिर ने बेहद मार्मिक ढंग से लिया है। फिल्म देख लें। 

निर्देशक: रीमा कागती
कलाकार: आमिर खान, रानी मुखर्जी, करीना कपूर, नवाजुद्दीन सिद्दीकी
संगीत: राम संपत

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