फिल्म समीक्षा
जुनून की शिखर यात्रा : मेरी कॉम
धीरेन्द्र अस्थाना
बहुत दिनों के बाद एक बहुत अच्छी फिल्म देखने को मिली। चक दे इंडिया और भाग मिल्खा भाग के बाद खेल पर बनी एक उम्दा फिल्म। बरफी के बाद प्रियंका चोपड़ा की अभिनय यात्रा में एक और मील का पत्थर। खेल फेडरेशनों के कुचक्रों , तानाशाही और जुल्मों को बेनकाब करने वाली एक और साहसिक फिल्म। कितने अभावों, प्रतिकूलताओं और वंचनाओं के बीच रह कर हमारे खिलाड़ी देश के लिए सोने और चांदी के पदक लाते हैं। लेकिन इस अविराम संधर्ष की सराहना करने के बजाय खेल फेडरेशनों के पदाधिकारी सत्ता के मद में प्रतिभाओं को नष्ट करने के षड्यंत्रों मे लीन रहते हैं। क्या इन मदान्ध लोगों पर नजर रखने और उन्हें सजा देने वाला कोई तंत्र विकसित नहीं किया जा सकता।देश विदेश के शहरों में खिलाड़ी होटल की डोरमेटरी में ठूंस दिए जाते हैं जबकि अधिकारी पांच सितारा सुविधाओं की ऐश का उपभोग करते हैं। और बिल फटता है खिलाडियों के नाम पर। खिलाडी को बैन करने का भय दिखा कर अक्सर उसका यौन शोषण करने की घटनाएं भी जब तब उजागर होती रहती हैं। खिलाडियों को भारत का नागरिक होने के बावजूद क्षेत्रवाद की राजनीति से भी लड़ना होता है। इतने सारे मुद्दों को बैकड्र्रॉप में समेटकर निर्देशक उमंग कुमार ने भारत की महान, जीवित महिला बॉक्सर, मणिपुर की मेरी कॉम की संघर्ष यात्रा को अपनी फिल्म का विषय बनाया है। मेरी कॉम के किरदार को पर्दे पर जीवंत करने वाली अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने भी कमाल का परिश्रम, अभ्यास और अभिनय करके फिल्म को एक यादगार अनुभव में बदल दिया है। मेरी कॉम के पति के रूप में प्रियंका के अपोजिट जो लड़का दर्शन कुमार उतरा है उसने हालांकि खुद कहा है कि प्रियंका जैसी बड़ी अभिनेत्री के सामने उसका चुनाव सिर्फ इसलिए हुआ है क्योंकि उसका चेहरा मणिपुरी लुक देेता है। लेकिन हकिकत यह है कि पहली फिल्म होने के बावजूद उसने बड़ा ही सहज और स्वाभाविक अभिनय किया है। फिल्म की एक बड़ी यूएसपी उसके गाने भी हैं जो फिल्म को न सिर्फ परिभाषित करते हैं बल्कि गति भी देेते चलते हैं। क्रिकेट को महान समझने वाले लोग इस फिल्म को देख कर अपने ज्ञान में यह इजाफा भी कर सकते हैं कि बॉक्सिंग संभवतः सब खेलों के उपर है। क्योंकि यह जान लेवा और दमतोड़ है। फिल्म के संवाद तो बॉक्सिंग के अनिवार्य पाठ की तरह हैं। फिल्म में अनेक जगहों पर कुछ मर्मस्पर्शी सीन भी हैं जो थरथरा देते हैं। देश के बहुत सारे लोग जो शायद बॉक्सर मेरी कॉम के बारे में उतना नहीं जानते जितना सचिन तेंडुलकर के बारे में जानते हैं, इस फिल्म के बाद मेरी कॉम के जुझारू और जुनूनी व्यक्तित्व से आमना सामना कर सकेंगे। अनिवार्य रूप से देखने लायक फिल्म।
निर्देशक : उमंग कुमार
कलाकारः प्रियंका चोपड़ा, दर्शन कुमार
संगीत : शशि सुमन, शिवम
good review....well wrote.
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