दहशत और रोमांच की पटकथा ’र्मडर-2‘
धीरेन्द्र अस्थाना
निर्देशक : मोहित सूरी कलाकार : इमरान हाशमी, जैकलीन फर्नाडिज, प्रशांत नारायण, सुधांशु पांडेय। संगीत : हषिर्त सक्सेना, संगीत हल्दीपुर सिनेमेटोग्राफी : रवि वालिया (यह फिल्म का बेहतरीन पक्ष है।)
हालांकि ‘र्मडर-2’ को एक सेक्सी फिल्म के तौर पर प्रचारित किया गया है, लेकिन सेक्स इसमें सिर्फ छौंक या तड़के की तरह है। इसे एक र्मडर मिस्ट्री या साइको किलर की अजीब दास्तान जैसा कुछ कह सकते हैं। इस बार भट्ट कैंप दहशत और रोमांच की एक कामयाब पटकथा लिखने में सफल रहा है। पूरी फिल्म में थर्रा देने वाले कई दृश्य हैं। स्त्री-पुरुष संबंधों के जटिल मनोविज्ञान की मुश्किल सी कहानी को बड़ी रोचकता से मोहित सूरी ने एक समानांतर कथा के रूप में पेश किया है। इस कथा के दो पात्र हैं, इमरान हाशमी और जैकलीन फर्नाडिज। दोनों के बीच देह का आदान प्रदान है, लेकिन इमरान इसे प्यार नहीं औरत की आदत बताता है, जबकि जैकलीन इस रिश्ते को प्यार मानना चाहती है। इमरान पुलिस की नौकरी छोड़कर भाई गिरी करता है तो जैकलीन एक सस्ती सी मॉडल है। दोनों गोवा में रहते हैं। गोवा में लड़कियां सप्लाई करने वाले एक सरगना की कई लड़कियां रहस्यमय ढंग से गायब हो रही हैं। इस केस को सुलझाने के लिए सरगना इमरान हाशमी की सेवाएं लेता है। दूसरी कथा यहां से शुरू होती है। धीरज पंडित नाम का एक किन्नर है जो लड़कियों को ग्राहक बनकर अपने बंगले में बुलाता है। उजाड़, सुनसान बंगले में वह लड़कियों को धंधा करने के जुर्म में तड़पा तड़पाकर मारता है, फिर उनके टुकड़े-टुकड़े करके बंगले के पास बने एक कुएं में फेंक देता है। नोएडा में हुए निठारी कांड की याद आती है। भट्ट कैंप ने माना भी है कि फिल्म की प्रेरणा उन्हें नोएडा स्थित निठारी कांड से मिली है। हां दोनों में फर्क भी बहुत है। फिल्म का हत्यारा सेक्स नहीं करता, वह लड़कियों को सेक्स करने की सजा देता है। बहुत जटिल कथानक है फिल्म का, जिसे मोहित सूरी के निर्देशन ने बेहद कुशलता से साधा है। फिल्म का गीत-संगीत बेहतर भी है और कथा की व्याख्या भी करता है। इमरान हाशमी ‘सीरियल किसर’ की इमेज में बंध गए हैं। जैकलीन को थोड़ा सा ही ‘स्पेस’ मिला है। जिसमें वह प्रभावित करती हैं। इस वर्ष की दूसरी छमाही की तीसरी हिट फिल्म है ‘र्मडर-2’ पहली दो हैं ‘देहली बैली’ और बुड्ढा होगा तेरा बाप’। धीरेन्द्र अस्थाना
Saturday, July 9, 2011
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