Saturday, October 9, 2010

क्रुक

फिल्म समीक्षा

नस्लवाद से लड़ती ‘क्रुक‘

धीरेन्द्र अस्थाना

जैसी कि भट्ट कैंप की फिल्में होती हैं, ‘क्रुक‘ भी उसी तरह की फिल्म है। छोटा बजट, नयी हीरोईन और घर का एक्टर इमरान हाशमी। मनोरंजन के साथ साथ कोई संदेश देने का प्रयास। कभी इस कैंप की फिल्म हिट हो जाती है कभी नहीं होती। लेकिन प्रत्येक फिल्म अपनी लागत जरूर निकाल ले जाती है। छोटा ही सही लेकिन इमरान हाशमी का भी अपना एक दर्शक वर्ग बन गया है इसलिए उनकी सोलो फिल्म भी ठीक ठाक व्यवसाय कर लेती है। यह फिल्म भी थोड़ा बहुत व्यवसाय कर लेगी। पहले दिन ‘क्रुक‘ को देखने आये दर्शकों की संख्या संतोषजनक कही जा सकती है। अपने मंतव्य के कारण ‘क्रुक‘ थोड़ी गंभीर फिल्म है हालांकि निर्देशक मोहित सूरी ने रोमांस, एक्शन, कॉमेडी के तत्व डाल कर इसे मनोरंजक बनाने की कोशिश की है। फिल्म नस्लवाद से टकराने और उसका एक समाधान तलाशने का प्रयास करती है। इमरान हाशमी नकली नाम और पासपोर्ट के जरिए ऑस्ट्रेलिया जाता है ताकि वहां जा कर वह एक नयी और बेहतर जिंदगी जी सके। मुंबई में उसे कोई काम नहीं देता क्योंकि उसका पिता एक गैंगस्टर था जो जाली एनकाउंटर में मार दिया जाता है। मुंबई में अतीत इमरान के आगे आगे चलता है इसलिए वह एक पुलिस अधिकारी अंकल की मदद से ऑस्ट्रेलिया रवाना होता है।
ऑस्ट्रेलिया में भारतीय छात्रों और व्यक्तियों के साथ जो नस्लभेदी वारदात घट रही हैं उन्हीं में से एक के साथ, न चाहते हुए भी, इमरान हाशमी उलझ जाता है। थोड़ी बहुत मारा मारी, प्रदर्शन, भाषण आदि के बाद फिल्म इस सकारात्मक नोट पर खत्म होती है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के लोग मिल कर ही नस्लवाद का खात्मा कर सकते हैं। एक दूसरे से नफरत करने और झगड़ने की नीति दोनों को हिंसा-प्रतिहंसा की एक अंधी गली में ले जाकर छोड़ देगी। देखा जाए तो इस फिल्म के माध्यम से भट्ट कैंप ने एक अंतरराष्ट्रीय समस्या को सिनेमाई पाठ में ढालने का प्रयत्न किया है लेकिन फिल्म को फिल्मी फार्मूलोें के बंधे बंधाये ढांचे में रख देने से उसका प्रभाव कमजोर हो जाता है। प्रीतम ने हूबहू वही संगीत दिया है जैसा इमरान की फिल्मों के गीतों में दिया जाता है। नेहा शर्मा का अभिनय कोई जादू नहीं जगाता जबकि उसके किरदार में एक तपिश एक तड़प मौजूद थी। इमरान हाशमी अपनी सीरियल किसर की छवि से मुक्त हो रहे हैं यह उनकी अभिनय यात्रा के लिए एक सुखद संकेत है। फिल्म देखी जा सकती है।

निर्माता: मुकेश भट्ट
निर्देशक: मोहित सूरी
कलाकार: इमरान हाशमी, नेहा शर्मा, अर्जन बाजवा, गुलशन ग्रोवर
संगीत: प्रीतम

No comments:

Post a Comment