Monday, January 19, 2015

तेवर

फिल्म समीक्षा
मसालों का फ्लेवर: तेवर
धीरेन्द्र अस्थाना
आखिर अर्जुन कपूर जैसा संभावनाशील और प्रतिभाशाली एक्टर भी कमर्शियल सिनेमा के दुश्चक्र में फंस ही गया। बिना मसालों वाली लीक से हट कर बनी बीसियों फिल्में हिट हो चुकी हैं, हिट हो रही हैं तो भी निर्माता निर्देशक बार बार महाशियां दी हट्टी, एमडीएच मसाले में घुस जाते हैं। मसालों के फ्लेवर के बावजूद बहुत चलने वाली फिल्म नहीं है तेवर। इसे सिर्फ कुछ लोगों के उम्दा काम की वजह से देखा जा सकता है या फिर इसके गानों की वजह से जो पहले से ही सुपर हिट की केटेगरी में शामिल हो चुके हैं। सोनाक्षी सिन्हा लगातार सिढ़ियां चढ़ रही हैं और हर तरह के किरदार में अपनी छाप छोड़ रही है। अर्जुुन इस फिल्म से पूरी तरह सलमान खान के नक्शे कदम पर चल पड़े हैं। उन्हें डायलॉग भी उसी तरह के दिये गये हैं जैसे डायलॉग बोल कर सिनेमा हॉल में सलमान खान तालियां बटोरा करते हैं। एक्टिंग और लोकेशन केे मोर्चे पर इस फिल्म की यूएसपी हैं अभिनेता मनोज बाजपेयी और आगरा मथुरा की गलियां। मनोज बाजपेयी के लेफ्ट हेंड बने अभिनेता सुब्रत दत्ता के रूप में बॉलीवुड को एक नये तेवर वाला खलनायक मिला है। उसने किसी स्थापित एक्टर की नकल करने के बजाय अपना खुद का अंदाज विकसित किया है। लेकिन आने वाली फिल्मों में उसे सोनू सूद और प्रकाश राज जैसे स्वतंत्र खलनायकों वाले किरदारों को प्राथमिकता देनी चाहिए ना कि खलनायक के सहायक की भूमिका। मथुरा के वहशी गुंडे के किरदार में मनोेज बाजपेयी ने पूरी फिल्म में समां बांध दिया है। सत्या के बाद उनकी तेवर को दर्ज किया जाएगा। सेंसर बोर्ड आजकल काफी उदार हो गया लगता है। एकदम अश्लील संवादों को धडल्ले से ओके कर रहा है। फिल्म कुल मिला कर गुंडागर्दी और मोहब्बत का कॉकटेल है। अर्जुन कपूर आगरा का बिंदास और तेवर वाला लड़का है जो कहीं भी कुछ गलत होते देख उससे भिड़ जाता है। फिर चाहे उसका नतीजा कुछ भी हो। हालांकि वह आगरा के एसपी राजबब्बर का बेटा है लेकिन उसके अंदाज टपोरियों जैसे ही हैं। सोनाक्षी मथुरा की मिडिल क्लास फैमिली से है। उसे डांस वगैरह बहुत पसंद है। ऐसे ही एक डांस के कार्यक्रम में मथुरा का बाहुबली मनोेेेेेेेेेेेेेेेेज बाजपेयी उस पर फिदा हो जाता है और उससे शादी का निवेदन तक कर आता है। सोनक्षी का भाई टीवी रिपोर्टर इस शादी में बाधा खड़ी करता है तो मनोज उसकी हत्या कर देता है। सोनक्षी मथुरा छोड़ दिल्ली भाग रही होती है और वहां से अमेरिका लेकिन तभी स्टेशन पर मनोज उसे पकड़ लेता है। दूसरों के पंगों में टांग अड़ाने वाला अर्जुन स्टेशन पर मनोज की जम कर धुनायी करता है और सोनाक्षी को भगा ले जाता है। इसके बाद की पूरी फिल्म सोनक्षी और अर्जुन के लगातार भागते रहने, गुंडों से लड़ने और गाने बजाने में बीतती जाती है। पर्दे पर दिखने के लिए राज बब्बर जैसे बड़े एक्टर ने मामूली पुलिस कर्मी का रोल निभा लिया यह देख कर दुख हुआ। सचमुच बहुत क्रूर है हिंदी सिनेमा। कमल हासन जैसे महान एक्टर की बेटी ने फिल्म में आइटम डांस किया है, यह भी एक खबर है। नये साल की पहली साधारण फिल्म।

निर्देशक: अमित रविन्द्रनाथ शर्मा
कलाकारः अर्जुप कपूर, सोनाक्षी सिन्हा, मनोज बाजपेयी, श्रुति हासन, राजेश शर्मा 
संगीत: साजिद वाजिद




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