फिल्म समीक्षा
छठे दशक का लव, सेक्स और धोखा: द एक्सपोज
धीरेन्द्र अस्थाना
गायक और संगीतकार तो हिमेश रेशमिया शुरू से बेहतर रहे हैं लेकिन बतौर एक्टर दर्शकों और फिल्म समीक्षकों ने उन्हें अब तक स्वीकार नहीं किया था। मगर एक्टर बनने की उनकी जिद ने अंततः कामयाबी का दामन थाम ही लिया। फिल्म भले ही सौ करोड़ क्लब में शामिल न हो मगर हिमेश ने इस फिल्म के जरिए यह साबित कर दिया कि वह एक्टिंग कर सकते हैं। इस फिल्म में वह अपने जमाने के मशहूर एक्टर राजकुमार से प्रेरित हैं। वैसा ही अंदाज, वही एरोगेंस और वैसा ही आत्मविश्वास। फिल्म साठ के दशक के फिल्मी माहौल में घटती है। हिमेश साउथ के सुपर स्टार हैं जिन्हें लेकर हिंदी का सुपरहिट निर्देशक फिल्म बनाता है। मुख्य धारा सिनेमा के उसके प्रतिद्वंद्वी निर्देशक की उसी दिन रिलीज फिल्म सुपरहिट हो जाती है जबकि हिमेश और जारा (सोनाली राउत) की फिल्म अनेक षड्यंत्रों के चलते फ्लॉप हो जाती है। इरफान खान फिल्म के सूत्रधार हैं और फिल्म में उन्होंने टिकटों को ब्लैक में बेचने वाले व्यक्ति का किरदार भी निभाया है। इस फिल्म से पता चलता है कि कैसे साठ के दशक में ब्लैकियों को खरीद लिया जाता था और वे पांच का टिकट तीन में बेचने का नाटक कर फिल्म को फ्लॉप करवा देते थे। फिल्म की दो हीरोइनें जोया अफरोज (चांदनी) और सोनाली राउत (जारा) एक दूसरे के साथ प्रोफेशनल जेलेसी का शिकार हैं। हिमेश मन ही मन चांदनी से प्यार करता है जबकि चांदनी एक अन्य एक्टर की गर्लफ्रेंड है। फिल्म के सेट पर आग लग जाती है तो हिमेश चांदनी को बचा लाता है। हिमेश का सौतेला भाई डॉन है। संगीतकार यो यो हनी सिंह ने भ्रष्ट संगीतकार के डी का किरदार निभाया है। फिल्म के निर्देशक अनंत महादेवन निर्देशक के ही किरदार में हैं। हिमेश एक्टर बनने से पहले पुलिस इंस्पेक्टर थे। उनसे एक मंत्री का मर्डर हो जाता है तो उन्हें सजा हो जाती है। सजा काटने के बाद वह एक्टर बनते हैं। चांदनी पर बनी फिल्म की सक्सेस पार्टी में सब लोग एक साथ हैं। यहां चांदनी और जारा में झगड़ा होता है। मार पीट भी। इसके बाद जारा टैरेस पर जाती है जहां से गिर कर उसकी मौत हो जाती है। यहां से फिल्म मर्डर मिस्ट्री में बदल जाती है। कम से कम छह किरदारों से इस रात जारा के पंगे हुए थे इसलिए मर्डर का शक छहों पर है। लेकिन असली हत्यारा कौन है, यही इस फिल्म का रहस्य और रोमांच है। फिल्म के सारे गाने पहले ही हिट हो चुके हैं। बहुत दिनों बाद ऐसे संवाद सुनने को मिले जिस पर थिएटर के भीतर बैठे दर्शक तालियां बजा रहे थे। फिल्म साधारण है लेकिन भरपूर मनोरंजन करती है और दर्शकों को एक पल के लिए भी बोर नहीं होने देती। देख सकते हैं। निराश नहीं होंगे।
निर्देशक: अनंत महादेवन
कलाकार: हिमेश रेशमिया, जोया अफरोज, सोनाली राउत, इरफान खान, यो यो हनी सिंह, आदिल हुसैन
संगीत: हिमेश रेशमिया
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