फिल्म समीक्षा
नौटंकी स्टाइल के ‘तीस मार खां‘
धीरेन्द्र अस्थाना
शीला की जवानी ने इतना बड़ा तूफान रच दिया कि ‘तीस मार खां‘ के पहले दिन के शो हाउसफुल चले गये। कैटरीना कैफ पर फिल्माया गीत शीला की जवानी ही फिल्म की जान भी है लेकिन केवल एक आइटम डांस के दम पर फिल्में न बाजार में टिकती हैं, न ही लोगों के दिल दिमाग में। कॉमेडी फराह खान जैसी संवेदनशील निर्देशिका का क्षेत्र नहीं है। पता नहीं वह इस बीहड़ में क्यों उतरीं? हंसाना बहुत कठिन काम है। यह ऐसा इलाका है जहां अच्छे अच्छे तीरंदाज गच्चा खा जाते हैं। एक सार्थक और तार्किक हास्य फिल्म बनाना सचमुच बहुत चुनौती भरा काम है। बारह फिल्में फ्लॉप हो जाती हैं तब जाकर तेरहवीं फिल्म कामयाब होती है। अक्षय कुमार को इस फिल्म से बहुत उम्मीदें थीं। दर्शकों को भी इससे भारी उम्मीदें थीं। सबको निराशा ही हाथ लगेगी। फराह खान ने पूरी फिल्म में पुराने जमाने की नौटंकी का ताना बाना अपनाया है लेकिन मौजूदा युवा पीढ़ी को यह जानकारी नहीं है कि नौटंकी नामक भी कोई शैली होती थी इसलिए इस स्टाइल को वह आत्मसात नहीं कर पायी। ‘तीस मार खां‘ फिल्म का नौटंकी स्टाइल मसखरापन इसीलिए मजा नहीं दे पाता। फिल्म में जहां जहां कमर्शियल फिल्मों का मजाक उड़ाया गया है वह टुकड़े अच्छे लगते हैं लेकिन उनका फिल्म की मूल कहानी से कोई लेना-देना नहीं है। मूल कहानी यह है कि अक्षय कुमार एक अंतरराष्ट्रीय ठग है जिसे कोई जेल अपने भीतर नहीं रख पाती। वह हर जेल से फरार हो जाता है। कैटरीना कैफ उसकी प्रेमिका है जो हीरोईन बनना चाहती है। अक्षय की मां को यह जानकारी नहीं है कि उसका बेटा ठग या अपराधी है। वह उसे फिल्मों का डायरेक्टर समझती है। अपने अपराधी जीवन का सबसे चुनौती पूर्ण काम अक्षय को मिलता है। उसे एक चलती ट्रेन से पांच सौ करोड़ के आभूषण, सोना, दुलर्भ मूर्तियां लूटनी हैं। इसके लिए वह सुपरस्टार अक्षय खन्ना और कैटरीना कैफ को लेकर एक फिल्म की नकली शूटिंग को अंजाम देता है जिसमें ट्रेन डकैती का दृश्य असली है। वह गांव वालों की मदद से ट्रेन लूट लेता है। पकड़ा भी जाता है लेकिन फिर फरार हो जाता है। फिल्म का प्रत्येक चरित्र कॉमेडी के रंग में रंगा हुआ है। अपराधी भी, पुलिस कमिश्नर भी, प्रेमिका भी, मां भी और गांव वाले भी। फिल्म का आरंभिक नेरेशन संजय दत्त की आवाज में है। सलमान खान और अनिल कपूर ने अतिथि भूमिकाएं निभायी हैं। फिल्म से जुड़े सब लोगों को रुक कर सोचना होगा- ‘कहां से चले कहां के लिए?‘
निर्देशक: फराह खान
कलाकार: अक्षय कुमार, कैटरीना कैफ, अक्षय खन्ना, आर्य बब्बर, सचिन खेडेकर
संगीत: शिरीष कुंदेर, विशाल, शेखर
Saturday, December 25, 2010
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