फिल्म समीक्षा
देखी जा सकती है ‘बदमाश कंपनी‘
धीरेन्द्र अस्थाना
कहानी, संवाद, पटकथा, निर्देशन सब कुछ एक अच्छे एक्टर परमीत सेठी का है। निर्माता हैं यशराज बैनर यानी यश चोपड़ा-आदित्य चोपड़ा। फिल्म है ‘बदमाश कंपनी‘ जिसे सन् 1994 के समय में फिल्माया गया है। चार दोस्तों के संघर्ष, स्वप्न, महत्वाकांक्षा, अमीर बनने की धुन में हेरा-फेरी, झूठ-फरेब, कस्टम की चोरी, जुआ, शराबखोरी, औरतबाजी, ऐयाशी, मस्ती आदि आदि को ‘लार्जर दैन लाइफ‘ के फार्मूले में रख कर एक रोचक फिल्म बनाने की कोशिश की गयी है। ‘टाइमपास‘ के लिए फिल्म को एक बार देखा जा सकता है। हमारे ज्ञान और संवेदना में कुछ जोड़ती नहीं है तो बहुत अधिक निराश भी नहीं करती ‘बदमाश कंपनी‘। शीर्षक से भ्रम होता है कि फिल्म ‘अंडरवल्र्ड‘ पर आधारित होगी पर ऐसा नहीं है। काॅलेज का इम्तहान पास करके निकले तीन मध्यवर्गीय लड़कों का गैंग ही बदमाश कंपनी है जिसमें अनुष्का शर्मा भी आ मिलती है।
सुबह से रात तक एक ही दफ्तर में, एक ही सीट पर लगातार काम करने वाले अनुपम खेर का बेटा है शाहिद कपूर जो घिस-घिस करके जीवन घिसने में यकीन नहीं करता। वह कोई अनूठा सा व्यापार करके रातों रात अमीर बनना चाहता है। वह जीवन की पहली कमाई डाॅलर छुपा कर बैंकाक ले जाने और वहां खरीददारी करके, कस्टम ड्यूटी बचा कर भारत ले आने से करता है। इस पहले काम में चारों का गैंग बनता है। एक बैग की खरीदारी पर भारत का लोकल स्मगलर उन्हें दस हजार रुपये देता है। शाहिद को व्यापारिक हेराफेरी के नये-नये विचार आते रहते हैं और इन्हें आजमा कर यही कंपनी अमीर भी होने लगती है। शाहिद की अपने नैतिकतावादी पिता से नहीं पटती और वह घर छोड़ देता है। और बड़ा बनने के लिए यह कंपनी अमेरिका जा बसती है लेकिन अनैतिक मूल्यों और व्यावसायिक धोखा धड़ी को तो महिमामंडित किया नहीं जा सकता। इसलिए शाहिद कपूर का पतन शुरू होता है। तीनों दोस्त एक एक करके उसका साथ छोड़ देते हैं। बैंक के साथ धोखाधड़ी के केस में शाहिद को पुलिस पकड़ती है। तब जाकर उसकी आंख खुलती है और नाटकीय ढंग से सब कुछ सामान्य होता जाता है। ‘रब ने बना दी जोड़ी‘ की सीधी सादी अनुष्का शर्मा ने बिंदास और बोल्ड अभिनय अभिनय किया है। शाहिद कपूर किरदार के मुताबिक अभिनय करने में पारंगत होते जा रहे हैं। फिल्म के गीत कहानी को गति देते हैं और संगीत अच्छा है।
निर्माता: यशराज फिल्म्स
निर्देशक: परमीत सेठी
कलाकार: शाहिद कपूर, अनुष्का शर्मा, म्यांग चेंग, वीर दास, अनुपम खेर
संगीत: प्रीतम चक्रवर्ती
Saturday, May 8, 2010
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